धुरकी(गढ़वा) : धुरकी प्रखंड पिछले चार वर्ष से सुखाड़ की स्थिति झेल रहा है. कम बारिश होने से यहां के लोेगों की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय हो गयी है. धुरकी की जीवन रेखा कहे जानेवाला राजा तालाब में एक बूंद भी पानी नहीं है. इस तालाब में पानी रहने के बाद आसपास के 300 एकड़ की भूमि सिंचित होती है, जिसमें धान की फसल के अलावे गेहूं, चना, मसूर व सरसों की खेती भी किसान करते हैं.
लेकिन इस तालाब पर निर्भर एक सौ से अधिक किसानों के चेहरे पर इस बार तनाव दिख रहा है. क्योंकि जनवरी महीने में ही यह तालाब पूरी तरह से सूख चुका है. किसानों ने बताया कि पटवन के अलावा वे इस राजा तालाब का उपयोग पशुओं को पानी पिलाने के लिए भी करते थे. उन्होंने बताया कि इस बड़े तालाब के अलावा आसपास के कुएं व चापानल का भी जलस्तर काफी नीचे चला गया है. अभी फरवरी महीने में ही जब यह स्थिति है, तो आगे वैशाख व जेठ के महीने में क्या हश्र होगा, यह सोच कर काफी परेशान हैं. ग्रामीण अली अब्बास अंसारी, कलमु अंसारी, कन्हाई राम, मनदीप गुप्ता व मुंद्रिका राम ने बताया कि इस बार उनकी फसलों की उपज तो नगण्य रही ही है.
पीने के पानी के लिए भी गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है. इस संबंध में बीडीओ इजे लकड़ा ने कहा कि यदि किसानों को सिंचाई के लिए कुंआ व तालाब की आवश्यकता है, तो उसे आम सभा से पारित कर प्रखंड में भेजे. उसकी स्वीकृति दे दी जायेगी.