भवनाथपुर :गढवा जिला के सुदूरवर्ती केतार प्रखंड के खैरवा गांव के समीप सोन नदी में 40 वर्ष पुराना बहुप्रतिक्षित कधवन परियोजना की सर्वे शुरू होने पर एक बार फिर लोगों के बीच उम्मीद जगी है़ वर्ष 1990 में इस परियोजना का शिलान्यास उस वक्त के तत्कालीन मुख्यमंत्री विंदेश्वरी दुबे ने किया था. उक्त परियोजना बिहार के नौहटा प्रखंड के मटिआंव गांव के बिचोबीच सोन नदी पर बनाया जाना है.
इससे झारखंड व बिहार के कई इलाके आबाद हो जायेंगे. सर्वे का काम बिहार, उत्तर प्रदेश व झारखंड के सहमति पर प्रारंभ किया गया है़ डैम के कार्य के प्रारंभ होने के पूर्व बिहार सरकार ने डीपीआर तैयार कराने को लेकर दिल्ली कि कंपनी से सर्वे का कार्य शुरू कराया है. उल्लेखनीय है कि उक्त जलाशय योजना का शिलान्यास खैरवा- कधवन गांव में वर्ष 1990 मे एकीकृत बिहार के मुख्यमंत्री विंदेश्वरी दुबे द्वारा तत्कालीन विधायक राज राजेंद्र प्रताप देव की उपस्थिति में किया था.
शिलान्यास के कुछ दिनो बाद सोन नदी के दोनों छोर पर युद्धस्तर पर ड्रिलिंग का कार्य शुरू किया गया था. जिसमें करोड़ों रुपये खर्च हुए थे और इसके लिए गढ़वा में एक कार्यालय भी खुला था और दर्जनों अभियंताओं की पदस्थापना की गयी थी. कुछ वर्षों के बाद काम बंद हो गया और लोगों की कधवन डैम कि उम्मीद धरा का धरा रह गया. भारत सरकार के केंद्रीय जल आयोग के अध्यक्ष की अध्यक्षता मे पांच फरवरी 2016 को अंतरराज्जीय (झारखंड, बिहार, उतर प्रदेश) के प्रतिनिधियों कि उपस्थिति में बैठक हुआ.
जिसमें झारखंड, बिहार के बीच सोन नदी पर कधवन डैम बनाने पर सहमति हुई. बैठक मे इंद्रपुरी जलाशय का पूर्ण भंडारण स्तर 169.0 मीटर व अधिकतम जल स्तर 171.0 मीटर पर सहमति बनी. बैठक मे नये सिरे से विस्तृत योजना तैयार करने कर डीपीआर का कार्य करने पर सहमति बनी थी. भारत सरकार के केंद्रीय जल आयोग द्वारा विभागीय आदेश योमो (विविध) 07–287/2016-158 दिनांक आठ मार्च 2017 तथा 07-287/2016-695 दिनांक 18 दिसंबर 2017 को आदेश जारी किया गया.
जिसके आलोक में बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग के संयुक्त संविदा अभियंत्रण अरुण कुमार द्विवेदी ने पत्रांक योमो -4(विविध) 07–208/2014-पार्ट वन,87 दिनांक 25 फरवरी 2019 को कधवन डैम के लिए डीपीआर तैयार करने के लिए भू अर्जन का आदेश जारी किया. आदेश की प्रतिलिपि गढवा उपायुक्त को भेजी गयी है. डीपीआर के लिये भू- अर्जन का काम दिल्ली कि रोडिक कंसलटेंट प्राइवेट लिमिटेड व आइसीसीएस कंपनी द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है.