गालूडीह. सबरों की जमीन पर दबंगों का कब्जा है, इसपर जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं. गुरुवार को सबरों ने अंचल विभाग से जमीन मुक्त कराने की गुहार लगायी है. दबंगों के खिलाफ सबरों ने विरोध जताया. घाटशिला प्रखंड की बड़ाकुर्शी पंचायत के हाइवे से बड़ाखुर्शी जाने वाली सड़क किनारे बाघबिंधा के आस पास आदिम जनजाति सबरों के नाम बंदोबस्त कई एकड़ भूमि पर दबंगों का कब्जा है. गुरुवार को दारीसाई सबर बस्ती के सबरों ने जमीन से संबंधित मामले की जांच करने खड़िया कॉलोनी पहुंचे. घाटशिला अंचल विभाग की टीम से इसकी शिकायत की. सबरों ने जमीन मुक्त कराने की मांग की. टीम में अंचल निरीक्षक सुरेश राम, अंचल उप निरीक्षक किशन कुमार राय, अभिनाश मोहंती, आशुतोष चौबे और राज कुमार प्रसाद शामिल थे. सबरों ने टीम से मौखिक शिकायत की. सबरों की मांग पर अंचल विभाग की टीम ने कहा कि सरकारी अमीन से मापी कर आदिम जनजाति सबरों की बंदोबस्त जमीन का सीमांकन किया जायेगा. दारीसाई सबर बस्ती निवासी चैड़े सबर, निसोदा सबर, सुकुरमनी सबर, बुद्धेश्वर सबर आदि ने बताया कि उक्त बंदोबस्ती जमीन उनके पूर्वजों की है. उक्त जमीन पर कुछ लोग वर्षों से कब्जा कर खेती कर रहे हैं. उन्हें मुट्ठी भर दाना नहीं मिलता है.
सबर न खेती कर पाते हैं, न खेती करने वालों से अनाज ले पाते हैं
घाटशिला प्रखंड के दारीसाई, घुटिया, गुड़ाझोर, हलुदबनी, बासाडेरा समेत जहां-जहां सबर बस्ती है. वहां-वहां राज्य सरकार ने काफी पहले सबरों के जीवन यापन के लिए खेती करने के लिए जमीन बंदोबस्ती की थी. उक्त जमीन पर बाद के दिनों में दबंगों ने कब्जा कर लिया. जहां सबरों न खेती कर पाते हैं न ही उनकी जमीन पर खेती करने वाले सबरों को अनाज देते हैं. जमीन सबर की और उसका लाभ वर्षों से दबंग किस्म के लोग उठा रहे हैं. अंचल विभाग मौन है. एक बार हलुदबनी में जांच हुई थी. सीमांकन कर सबरों को कब्जा दिलाया गया था. बाद में फिर दबंगों ने कब्जा कर लिया.क्या कहते हैं दारीसाई के सबर
बाघबिंधा के पास हमारे पूर्वजों की जमीन है. उक्त बंदोबस्ती जमीन हमें खेती करने सरकार ने दी थी, लेकिन कुछ लोग जमीन पर कब्जा करके खेती कर रहे हैं. हम जमीन किसी को नहीं देंगे. जमीन हमारी है, हमें जमीन चाहिए.– चैड़े सबर, दारीसाई
जमीन पर कब्जा होने के कारण जमीन पर हम खेती नहीं कर पाते हैं. कुछ लोग हमारी जमीन पर वर्षो से खेती कर रहे हैं. लेकिन हमें अनाज नहीं मिलता है. राशन कार्ड में चावल और गेहूं मिलता है. उसी से पेट भरते हैं.– निसोदा सबर, दारीसाई
हमें हमारी जमीन चाहिए. हम उक्त जमीन पर खेती करेंगे. अगर खेती नहीं कर सके तो किसी को बटाई पर जमीन देंगे. बटाई पर जमीन देने से कुछ तो अनाज मिलेगा. हम जमीन पर किसी भी हाल में कब्जा करने नहीं देंगे.– सुकुरमनी सबर, दारीसाई हमारे पूर्वजों की बंदोबस्ती जमीन पर कुछ दबंगों ने वर्षो से कब्जा कर रखा है. उक्त जमीन को कब्जा मुक्त कराया जाय ताकि आदिम जनजाति सबर खेती बाड़ी कर अपना पेट भर सके. जमीन पर हम खुद खेती करेंगे.
– बुधेश्वर सबर, दारीसाईडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है