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पूर्वी सिंहभूम की सुरदा माइंस के मजदूर धरने पर, कार्य स्थगन नोटिस वापस लेने की कर रहे हैं मांग

पूर्वी सिंहभूम की सुरदा माइंस के मजदूर माइंस के अंदर धरने पर बैठे हैं. वे कार्य स्थगन नोटिस वापस लेने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांग नहीं मानी जाती, तब तक धरना जारी रहेगा.

घाटशिला (पूर्वी सिंहभूम), परवेज: झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले की सुरदा माइंस में ठेका कंपनी एमएमपीएल द्वारा लगाए गए कार्य स्थगन नोटिस को वापस लेने की मांग को लेकर शुक्रवार की सुबह की पाली में ड्यूटी पर गए मजदूर माइंस के अंदर धरने पर बैठ गए. मजदूरों ने कार्य स्थगन के नोटिस को वापस लेने एवं 1 अप्रैल से नियमित रोजगार देने की मांग की. मिली जानकारी के अनुसार सुरदा शॉफ्ट 3 एवं शॉफ्ट 4 में करीब डेढ़ सौ से 200 मजदूर माइंस के अंदर पांचवें लेवल में अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं. ठेका मजदूरों के धरने के कारण सुरदा माइंस में पानी निकासी समेत सभी तरह के कार्य सुबह से ही ठप हैं.

मजदूरों को मनाने पहुंचे सुरदा माइंस के मैनेजर डीजे सोम
माइंस के अंदर मजदूरों के धरने पर बैठने से एचसीएल एवं एमएमपीएल प्रबंधन की परेशानी बढ़ गई है. एचसीएल की सुरदा माइंस के मैनेजर डीजे सोम ने माइंस के अंदर धरने पर बैठे मजदूरों को मनाने के लिए पहुंचे थे. डीजे सोम ने कहा कि कंपनी मुख्यालय कोलकाता में 28 मार्च को बैठक हुई है. बैठक में ठेका कंपनी को अगले दो माह तक सुरदा माइंस को संचालित करने को कहा गया है. इस अवधि में सुरदा माइंस में माइनिंग चालान उपलब्ध कराने की बात कही गई है. धरना पर बैठे मजदूरों ने कहा नोटिस हटाने एवं नियमित माइंस चलाने की मांग जब तक पूरी नहीं हो जाती, तब तक उनका धरना जारी रहेगा.

ठेका कंपनी प्रबंधन ने नो वर्क नो पे का नोटिस लगाया
सुरदा माइंस का संचालन करने वाली ठेका कंपनी एमएमपीएल ने करीब 11:00 बजे नो वर्क नो पे का नोटिस लगा दिया है. नोटिस में माइंस के अंदर धरने पर बैठने को गैर कानूनी कहा गया है. नोटिस में कहा गया है कि यह मजदूर की सुरक्षा तथा माइंस की सुरक्षा के दृष्टिकोण से सही नहीं है. मजदूरों की माइंस के अंदर की गयी हड़ताल गैरकानूनी है.

603 ठेका मजदूरों का रोजगार प्रभावित
सुरदा माइंस का संचालन करने वाली ठेका कंपनी एमएमपीएल ने 29 फरवरी को नोटिस लगाकर 1 अप्रैल 2024 से सुरदा माइंस में कार्य स्थगित करने की घोषणा की है. कार्य स्थगन के नोटिस से माइंस में कार्यरत 603 ठेका मजदूरों का रोजगार 1 अप्रैल से प्रभावित हो जाएगा. कार्य स्थगित करने के नोटिस को वापस लेने की मांग मजदूर कर रहे हैं. ठेका कंपनी प्रबंधन ने 1 अप्रैल से सुरदा माइंस को बिना माइनिंग चालान के चलाने में अपनी असमर्थता जताई है. एचसीएल प्रबंधन कोलकाता स्थित मुख्यालय के निर्देश की प्रतीक्षा कर रहा है.
दोपहर की पाली में मजदूरों को माइंस के अंदर जाने से रोका गया. सुबह की पाली में माइंस के अंदर ड्यूटी करने गए मजदूरों ने अपनी मांगों को लेकर माइंस के अंदर धरने पर बैठने के बाद ठेका कंपनी ने दोपहर की पाली में ड्यूटी पर पहुंचे मजदूरों को माइंस के अंदर काम पर जाने से मना कर दिया.

माइंस के अंदर मजदूरों का धरना देना गैरकानूनी
इस संबंध में एचसीएल प्रबंधन से बात करने पर प्रबंधन ने कहा कि मजदूरों का माइंस के अंदर अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठना अनुचित है. प्रबंधन के अनुसार आंधी-तूफान आने तथा बिजली आपूर्ति ठप हो जाने से माइंस के अंदर बैठे मजदूर को परेशानी हो सकती है. 8 घंटे से अधिक माइंस के अंदर रहना भी शरीर के लिए ठीक नहीं है. एचसीएल प्रबंधन के अनुसार धरने पर बैठे मजदूरों को मनाने का प्रयास किया जा रहा है. मजदूर का माइंस के अंदर धरना देना माइनिंग नियमों का उल्लंघन है. मजदूर अपनी मांगों को लेकर माइंस परिसर में धरना दे सकते हैं.

मांग पूरी होने तक धरना पर बैठे रहेंगे मजदूर
मजदूर नेता सुभाष मुर्मू ने कहा मजदूर कार्य स्थगन नोटिस को वापस लेने एवं 1 अप्रैल के बाद भी सुरदा माइंस में रोजगार देने की मांग पूरा होने तक धरना पर बैठे रहेंगे. धरने पर धनंजय मार्डी, किसुन सोरेन, शिव शंकर भकत ,शोबरा हेमरम समेत कई मजदूर माइंस के अंदर अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं. माइंस के अंदर धरना पर बैठे मजदूर के साथ एचसीएल एवं एमएमपीएल प्रबंधन की दो दौर की वार्ता विफल हो चुकी है.

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