घाटशिला. पूर्वी सिंहभूम कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी से मिला. इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में चरमराती स्वास्थ्य सेवाओं, चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों की भारी कमी को रखा. प्रतिनिधिमंडल ने मुसाबनी प्रखंड समेत आस-पास के इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं में तत्काल सुधार की मांग की.
मुसाबनी की एक लाख आबादी एकमात्र सीएचसी के सहारे
मौके पर साहित्य-संस्कृति संघ के सचिव वीरेंद्र नाथ घोष ने स्वास्थ्य मंत्री को मांग पत्र सौंपा. इसके पूर्व सचिव श्री घोष ने मंत्री को पुस्तक भेंट कर स्वागत किया. बताया गया कि मुसाबनी प्रखंड की एक लाख से अधिक आबादी केवल एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर निर्भर है. यह कि केंदाडीह जैसे दूरदराज में स्थित है. यह केंद्र पारुलिया पंचायत से 20 किमी और मुसाबनी टाउन से 14 किमी दूर है. इसके कारण समय पर इलाज मिलना नामुमकिन हो जाता है.
मुसाबनी में बंद अस्पताल चालू करने की मांग
प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि प्रखंड के सभी उपस्वास्थ्य केंद्रों में न दवाएं हैं, न चिकित्सक. यहां तक कि कई केंद्रों के मुख्य द्वार पर ताले लटकते हैं. सबसे अहम मुद्दा आइसीसी वर्कर्स अस्पताल का है, जो 2001 में माइंस बंद होने के बाद निष्क्रिय हो गया. यह 360 बेड वाला आधुनिक अस्पताल जर्जर स्थिति में है. यह भवन और ज़मीन झारखंड सरकार के अधीन है. प्रतिनिधिमंडल ने इसे फिर से उसी तरह चालू कराने की पुरजोर मांग की. इसका लाभ मुसाबनी, डुमरिया और गुड़ाबांधा के तीनों प्रखंडों को मिलेगा.
मंत्री ने समस्याओं के समाधान का दिया आश्वासन
ज्ञात हो कि पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने भी इस अस्पताल को फिर से शुरू करने की घोषणा की थी, लेकिन वह केवल आश्वासन तक सीमित रह गयी. मौके पर कांग्रेस जिला प्रेस प्रवक्ता शमशेर खान, शत्रुधन प्रसाद, शहनवाज आलम और रवींद्र नाथ घोष मुख्य रूप से उपस्थित थे. स्वास्थ्य मंत्री डॉ. अंसारी ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि समस्याओं का जल्द समाधान किया जायेगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है