घाटशिला. घाटशिला थाना के रामचंद्रपुर निवासी बुधू सबर (30) की मौत के बाद रविवार को घाटशिला अनुमंडल अस्पताल से मौत को संदिग्ध मानकर पोस्टमार्टम के लिए शव को एमजीएम भेजा जा रहा था. जब इसका विरोध हुआ तो फिर घाटशिला एसडीओ सुनील चंद्र की पहल पर घाटशिला में ही पोस्टमार्टम किया गया. मृतक के पिता लेदा सबर घाटशिला अनुमंडल अस्पताल में पहले से भर्ती हैं. वे गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं. मृतक के पिता लेदा सबर ने भावुक होकर कहा हमें क्या मालूम था कि मेरा बेटा मुझे छोड़कर चला जायेगा, अब मुझे कौन कंधा देगा. इधर डॉ आरएन सोरेन ने खुद तत्परता दिखाते हुए पोस्टमार्टम किया. बाद में ग्राम प्रधान श्याम मुर्मू को बुलाया गया. घाटशिला थाना पुलिस की मदद से बुधू सबर के शव को उसके गांव रामचंद्रपुर भेजा गया. शव ले जाने में कालीराम शर्मा ने सहयोग किया. गांव में बुधू सबर का अंतिम संस्कार किया गया. मौके पर झामुमो नेता विकास मजूमदार, सुशील मार्डी, चंचल सरकार, अंकुर कावरी, सब्यसाची चौधरी, सागर पाणि, सुरजीत सिंह आदि मौजूद थे. झामुमो नेताओं ने मृतक के पिता लेदा सबर से मिलकर उनका हाल जाना. ज्ञात हो कि शनिवार को बुधू सबर अपने बीमार पिता से मिलने अस्पताल गया था. लौटते समय उसका शव फूलडूंगरी-बुरूडीह रोड स्थित चेगजोड़ा पुनर्वास कॉलोनी के पास सड़क किनारे पड़ा मिला. उसकी साइकिल पास में ही मिली. मौत कैसे हुई इसका पता नहीं चला है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने से खुलासा होगा.
झामुमो नेताओं ने परिजनों को ढांढ़स बंधाया
विधायक प्रतिनिधि जगदीश भकत को जब इस मामले की जानकारी मिली तो वे अस्पताल पहुंचे. एसडीओ सुनील चंद्र से दूरभाष पर बात कर हालात से अवगत कराया. उन्होंने कहा कि एक ओर पिता अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहा है, वहीं दूसरी ओर बेटे का शव पोस्टमार्टम गृह में पड़ा है. तब प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए चिकित्सा प्रभारी डॉ आरएन सोरेन से संपर्क कर पोस्टमार्टम की व्यवस्था एमजीएम भेजने की बजाय घाटशिला में ही करायी. पोस्टमार्टम के बाद शव को पुलिस के हवाले कर दिया गया. फिर ग्रामीण और प्रशासन के सहयोग से शव गांव पहुंचा गया है. यहां अंतिम संस्कार किया गया.
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