मुसाबनी : अपनी मांगों के समर्थन में खदान के अंदर लगातार दूसरे दिन 232 मजदूर धरने पर बैठे हैं तो बुधवार को खदान के उपर मजदूरों के बीबी- बच्चे और अन्य परिजन भी धरने पर बैठ गये. सुबह फोर शॉफ्ट में मजदूरों के बीबी-बच्चे तथा परिजन पहुंचे और खदान के अंदर धरने पर बैठे अपने परिजनों का हाल जानने का प्रयास किया.
खदान से बाहर निकले सीओ साधु चरण देवगम, बीडीओ संतोष गुप्ता ने खदान के उपर बैठी मजदूरों की परिजनों से बात की और खदान के अंदर सभी के सकुशल होने की जानकारी दी. पदाधिकारियों ने कंपनी के टेलीफोन से परिजनों को धरने पर खदान के अंदर बैठे मजदूरों से बात कराने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया. बीडीओ ने मजदूरों के परिजनों से कहा कि वे अपने लोगों को समझाये.जान जोखिम में डाल कर खदान के अंदर धरने पर बैठने के बजाय खदान के बाहर धरना देने के लिए मनायें. महिलाओं ने कहा परिवार के लिए ही खदान के अंदर धरने पर बैठे हैं. ऐसे में पूरा परिवार उनके साथ है. कम मजदूरी तथा
विलंब से मजदूरी मिलने से परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है. दुकानदार उधार में सामान देने से मना कर रहा है. बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. ऐसे में अपनी मांगों को लेकर धरना देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. क्योंकि कोई मजदूरों की सुधि लेने वाला नहीं है. खदान के अंदर धरने पर बैठे मजदूरों के परिजन बच्चे सुबह से शाम तक फोर शॉफ्ट में बैठे रहे. खदान के अंदर पांचवें लेबल में धरने पर बैठे 232 मजदूरों के लिए बुधवार को दूसरे दिन भी सुबह का नाश्ता, दोपहर का भोजन पहुंचाया गया. शॉफ्ट थ्री में मजदूरों ने भोजन तथा नाश्ता तैयार कर धरने पर खदान के अंदर बैठे मजदूर साथियों को सुरदा थ्री और फोर शॉफ्ट में खदान के अंदर पहुंचाया. धरने पर बैठे मजदूरों को पीने का पानी भी बाहर से भेजा जा रहा है.