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थंडरिंग जोन के स्कूलों में पढ़नेवाले बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता
अजय पांडेय घाटशिला : घाटशिला अनुमंडल के कई प्रखंड थंडरिंग जोन के रूप में जाने जाते हैं. लेकिन सरकारी स्कूलों मे पढ़नेवाले बच्चों की सुरक्षा के लिए लगाये गये तड़ित चालकों को चोरों ने चुरा लिया है. स्थिति यह है कि आज की तारिख में बच्चे जान जोखिम में डाल कर ऐसे स्कूलों में पढ़ने […]
अजय पांडेय
घाटशिला : घाटशिला अनुमंडल के कई प्रखंड थंडरिंग जोन के रूप में जाने जाते हैं. लेकिन सरकारी स्कूलों मे पढ़नेवाले बच्चों की सुरक्षा के लिए लगाये गये तड़ित चालकों को चोरों ने चुरा लिया है. स्थिति यह है कि आज की तारिख में बच्चे जान जोखिम में डाल कर ऐसे स्कूलों में पढ़ने को विवश हैं.
दिलचस्प पहलू यह है कि एक साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी इन स्कूलों में तड़ित चालक नहीं लगाये गये हैं. ऐसे में बच्चों की सुरक्षा को लेकर परिजनों में भय है. विभागीय स्तर पर भी अभी तक इस ओर कोई कार्रवाई नहीं की गयी है.
जानकारी के मुताबिक वर्ष 2006 से अब तक पुराने स्कूल भवनों में थंडरिंग से बच्चों के बचाव के लिए पांच से आठ हजार तथा नये विद्यालय भवनों में 30 से 36 हजार मूल्य के तड़ित चालक लगाये गये थे. लेकिन अधिकांश विद्यालयों से तड़ित चालकों की चोरी हो गयी. कई तड़ित चालक खराब हो गये. लेकिन आज तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गयी. ऐसे में इन स्कूलों में पढ़नेवाले हजारों बच्चे बरसात के मौसम में असुरक्षित हो गये हैं.
10 की मौत हो चुकी है: गौरतलब है कि इन प्रखंडों में बरसात के मौसम में थंडरिंग होता है. इस साल पिछले एक माह में हुए थंडरिंग से अब तक 10 से अधिक ग्रामीणों तथा दर्जनों मवेशियों की मौत हो चुकी है.
पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला अनुमंडल के विभिन्न प्रखंडों के प्राथमिक और मध्य विद्यालय में लगे तड़ित चालकों की चोरी की कोई सूचना उन्हें नहीं मिली है. प्रखंडों के प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी ने इसकी सूचना नहीं है. अभी बरसात का समय है. ऐसे में वे तुरंत तो समस्या का समाधान नहीं कर पायेंगे.
– जिला शिक्षा अधीक्षक, पूर्वी सिंहभूम, जमशेदपुर.
स्कूलों में तड़ित चालक नहीं रहना गंभीर मामला है. मैं इस मामले की विस्तृत जानकारी लूंगा, ताकि आवश्यक कदम उठाया जा सके.
– डॉ अमिताभ कौशल
उपायुक्त, पूर्वी सिंहभूम
घाटशिला : घाटशिला कॉलेज में सोमवार को एक जूनियर छात्र का पैर एक सीनियर छात्र से पैर से टकरा जाने से उत्पन्न विवाद में छात्रों के दो गुटों में मारपीट हो गयी. मऊभंडार और मुसाबनी के छात्र आपस में उलझ गये. कॉलेज के बाहर भी मारपीट हुई. सूचना पाकर पुलिस पहुंची. फिर मामला शांत हुआ.
मऊभंडार के छात्रलाइन में खड़ा होकर फॉर्म भर रह थे. इसी बीच एक जूनियर छात्र का पांव सीनियर छात्र से टकरा गया. जूनियर छात्र ने सीनियर से माफी नहीं मांगी, तो विवाद बढ़ गया. मारपीट होते देख कॉलेज के शिक्षक और कर्मचारी बाहर निकले और छात्रों को बाहर खदेड़ दिया.
इसके बाद छात्रमुख्य सड़क पर आपस में भिड़ गये. पुलिस को सूचना दी गयी. पुलिस पहुंची और प्रभारी प्राचार्य प्रो विनोद कुमार से जानकारी ली.
विदित हो कि अभी कॉलेज में स्नातक (प्रतिष्ठा) और सामान्य में नामांकन के लिए छात्र-छात्राएं लाइन में खड़े थे. इसी बीच एक जूनियर छात्र का पांव सीनियर छात्र से टकरा गया.
जूनियर छात्र ने सीनियर से से क्षमा नहीं मांगी. सीनियर ने जब जूनियर छात्र से गलती करने पर क्षमा मांगने की बात कही, तो छात्रों के बीच विवाद बढ़ गया. इसी बीच एक जूनियर छात्र हाथ में बेंच का पाया लेकर सीनियर छात्रों को पीटने पहुंचा. ऐसा करता देख कर सीनियर छात्रों ने उसे रोका.
इसी बीच मारपीट शुरू हो गयी और भगदड़ मच गया. एक छात्र को परीक्षा नियंत्रक ने पकड़ कर प्रभारी प्राचार्य के कक्ष में बंद कर दिया. बाद में उससे पूछताछ कर छोड़ दिया गया. पुलिस ने छानबीन शुरू की, तब तक छात्र भाग निकले थे.
पुलिस एक घंटे तक कॉलेज में रही. प्रभारी प्राचार्य से घटना की जानकारी लेकर पुलिस चली गयी.
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