घाटशिला. मऊभंडार स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर में 11 जून से शुरू होने वाले प्रतिष्ठा महोत्सव की तैयारी जोरों पर है. यहां ओडिशा के क्योंझर में प्रसिद्ध किचिंग क्षेत्र से देवी-देवताओं की 35 मूर्तियां लायी गयी हैं. सभी मूर्तियां दुर्लभ काले पत्थर से बनी हैं. यह पारंपरिक ओड़िया शिल्पकला का उत्कृष्ट उदाहरण है. इन मूर्तियों में तोरोना लक्ष्मी, गजलक्ष्मी, सूर्य देवता, मां विमला, मां सरस्वती, पंचमुखी बजरंगबली, भगवान विश्वकर्मा, भगवान सत्यनारायण, शिव अर्धनारीश्वर, सिद्धि गणेश, भगवान मदन मोहन, अरुण, गरुड़ भगवान, दशावतार और नवग्रह सहित कई प्रमुख देवी-देवताओं की प्रतिमाएं शामिल हैं.
मंदिर के गर्भगृह में भव्य सिंहासन तैयार:
मंदिर परिसर के भीतर और बाहर मूर्तियां स्थापित की जायेंगी. मंदिर के गर्भगृह में भव्य सिंहासन का निर्माण किया गया है. वहां 2 और 3 जुलाई को भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियां स्थापित की जायेंगी. मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा और शुद्धीकरण का कार्य संपन्न होगा. यह आयोजन जगन्नाथ सेवा समिति ट्रस्ट मऊभंडार के तत्वावधान में होगा.भगवान जगन्नाथ का स्नान उत्सव 11 को :
महोत्सव की शुरुआत 11 जून को कलश यात्रा से होगी. भगवान जगन्नाथ का पारंपरिक स्नान उत्सव मनाया जायेगा. समिति के अध्यक्ष राजू कर्मकार, सचिव आरक्षित बेहुरा, कोषाध्यक्ष रामचंद्र महथी, तथा सदस्यगण परमानंद मिश्रा, धर्मेंद्र दास, जयंतो त्रिपाठी, सुधीर त्रिपाठी, रश्मिता घोष, धरित्री परीडा, मेघनाथ सिंह, निरंजन सतपति सफल बनाने में जुटे हैं.
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