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नीड बेस्ट टीचर्स को एनएसएस से जोड़ेगा विश्वविद्यालय

सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के एनएसएस कोऑर्डिनेटर डॉ. डीके मिश्र ने राज्यस्तरीय समीक्षा बैठक में विश्वविद्यालय की एनएसएस गतिविधियों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया। विश्वविद्यालय में स्वास्थ्य जागरूकता, स्वच्छता, वृक्षारोपण, महिला सशक्तिकरण और शैक्षिक सहायता जैसे कार्यक्रम नियमित रूप से संचालित हो रहे हैं। वित्तीय संसाधन उपलब्ध हैं, लेकिन तकनीकी और शिक्षक कर्मचारियों की कमी कार्यों में बाधक है। आगामी योजनाओं में नीड बेस्ट टीचर्स को एनएसएस से जोड़कर स्वयंसेवकों की संख्या और सक्रियता बढ़ाना तथा तकनीकी स्टाफ की नियुक्ति शामिल है। संताल परगना के छह जिलों में 38 शैक्षणिक संस्थानों में 89 एनएसएस यूनिट सक्रिय हैं जो सामाजिक सेवाओं के माध्यम से क्षेत्रीय विकास में योगदान दे रही हैं।

– स्वयंसेवकों की संख्या व उनकी सक्रियता में आएगी वृद्धि संवाददाता, दुमका सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय दुमका के एनएसएस कोऑर्डिनेटर डॉ डीके मिश्र ने रांची में आहूत राज्यस्तरीय समीक्षा बैठक में भाग लिया. बैठक में एनएसएस के समग्र कार्यों, समसामयिक समस्याओं और आगामी योजनाओं पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया. एनएसएस के क्षेत्रीय निदेशक तथा खेल एवं युवा मामले के निदेशक विशेष रूप से उपस्थित हुए. उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा राज्य सरकार को अतिशीघ्र सीएनए एकाउंट में राशि भेजी जाएगी. विश्वविद्यालय का एकाउंट राज्य सीएनए एकाउंट से मैप करा लिया गया है. अब राशि पीएफएमएस के माध्यम से महाविद्यालय के एनएसएस इकाई को हस्तांतरित किया जाएगा. इसके लिए महाविद्यालय के एनएसएस एकाउंट को विश्वविद्यालय एनएसएस एकाउंट से मैपिंग की जवाबदेही संबंधित महाविद्यालय के प्राचार्य और कार्यक्रम पदाधिकारी की है. बैठक में डॉ डीके मिश्र ने सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय में संचालित एनएसएस गतिविधियों का विस्तारपूर्वक विवरण प्रस्तुत किया. उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में चल रहे विभिन्न सामाजिक सेवा कार्यक्रम, स्वास्थ्य जागरूकता अभियान, स्वच्छता अभियान, वृक्षारोपण, महिला सशक्तिकरण अभियान, शैक्षिक सहायता कार्यक्रम आदि नियमित रूप से संचालित हो रहे हैं. सामान्य गतिविधियों के साथ ही विशेष शिविर भी आयोजित किए गए हैं. फंड की कमी की स्थिति नहीं है, क्योंकि आवश्यक राशि विश्वविद्यालय के आंतरिक स्रोत से समय पर उपलब्ध कराई जाती है. विशेष रूप से सलाहकार समिति के गठन की प्रक्रिया पर बल दिया गया, ताकि गतिविधियों का प्रभावी निगरानी एवं मार्गदर्शन सुनिश्चित किया जा सके. इसके अतिरिक्त डॉ मिश्र ने कुछ तकनीकी कठिनाइयों को उजागर किया, जैसे कम्प्यूटर ऑपरेटर की कमी के कारण डिजिटल प्रबंधन में समस्या आ रही है. साथ ही, नियमित शिक्षकों की संख्या अपर्याप्त होने तथा कार्याधिक्य के चलते शत प्रतिशत लक्ष्यों की प्राप्ति में कठिनाई आ रही है. शिक्षकों पर कार्याधिक्य एनएसएस के प्रति अरुचि भी इस चुनौती का एक महत्वपूर्ण कारण बन रही है. डॉ मिश्र ने आगामी योजना साझा करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय नीड बेस्ट टीचर्स को एनएसएस से जोड़ेगा, जिससे शिक्षकों का सक्रिय मार्गदर्शन उपलब्ध होगा और स्वयंसेवकों की संख्या तथा उनकी सक्रियता में वृद्धि होगी. तकनीकी समस्याओं के समाधान हेतु कम्प्यूटर ऑपरेटर सहित आवश्यक तकनीकी स्टाफ की नियुक्ति की योजना भी प्रस्तावित की गई. डॉ मिश्र ने रिपोर्ट में बताया कि संताल परगना प्रमंडल के सभी छह जिले यथा दुमका, पाकुड़, साहिबगंज, जामताड़ा, गोड्डा और देवघर में स्थित कुल 38 शैक्षणिक संस्थानों में 89 एनएसएस यूनिट्स सक्रिय रूप से संचालित की जा रही हैं. ये यूनिट्स स्वच्छता अभियान, स्वास्थ्य जागरूकता, पौधारोपण, महिला सशक्तिकरण, शिक्षा संवर्धन सहित अन्य सामाजिक कार्यों के माध्यम से क्षेत्रीय विकास में सक्रिय योगदान दे रही हैं.

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