राजकीय श्रावणी मेला. चतुर्दशी को बोल-बम से गुंजायमान रही बासुकिनाथ की नगरी
प्रतिनिधि, बासुकिनाथराजकीय श्रावणी मेला के 28वें दिन शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि शुक्रवार को बाबा फौजदारीनाथ के दरबार में कांवरियों की भीड़ लगी रही. पूर्वाह्न 02.45 बजे को मंदिर का पट खोला गया. भोर से ही मंदिर प्रांगण शिवगंगा घाट वह मेला परिसर कांवरियों से पटा रहा. 3.40 बजे से श्रद्धालुओं ने बाबा फौजदारीनाथ पर जलार्पण प्रारंभ किया. श्रद्धालु शिवगंगा में स्नान कर कतारबद्ध हो रहे थे. हर-हर महादेव के नारों के साथ श्रद्धालु अपने आराध्य को जलार्पण करने के लिए मंदिर गर्भगृह की और लगातार बढ़ रहे हैं. मंदिर प्रबंधन के अनुसार 86 कांवरियों ने बाबा फौजदारीनाथ पर जलार्पण कर मंगलकामना की. मंदिर परिसर बाबा के जयकारे से गुंजायमान रहा. महिला व पुरुष श्रद्धालुओं ने कतारबद्ध होकर बाबा पर जलार्पण किया. शाम पांच बजे भोलेनाथ की विश्राम पूजा के लिए कांवरियों का जलार्पण और पूजा रोक दी गयी. इस बीच भोलेनाथ नागेश की षोडशोपचार पूजन के बाद क्षणिक विश्राम के लिए बाबा मंदिर के कपाट बंद कर दिए गये. विश्राम पूजन के बाद मंदिर के कपाट पुनः खोले गये. कांवरियों ने फिर से मंदिर में जलार्पण करना शुरू किया, जो रात्रिकालीन शृंगार पूजा तक जारी रही. मंदिर में कांवरियों के श्रद्धा आस्था देखते ही बन रही थी. मंदिर परिसर में सुरक्षा व्यवस्था व कांवरियों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस पदाधिकारी लगे रहे. सरकारी पूजा के बाद मंदिर का पट कांवरियों के लिए खोल दिया गया. कांवरियों की कतार संस्कार मंडप, क्यू कॉम्प्लेक्स तक जा पहुंची. कतारबद्ध कांवरियों को बरसात व धूप से बचाव के लिए जिला प्रशासन द्वारा शेड की भी व्यवस्था की गयी है. मंदिर निकास द्वार के बगल में जलार्पण काउंटर है, जिसमें 5,250 महिला-पुरुष कांवरियों ने जल डाला. जलार्पण काउंटर में डाले गये जल सीधे बाबा भोलेनाथ के शिवलिंग पर पाइप द्वारा गिरता है. इस व्यवस्था को श्रद्धालु इंटरनेट जलार्पण कहते हैं. काउंटर पर 10 एलइडी टीवी लगाये गये. इसमें भोलेनाथ के गर्भगृह में जलार्पण का लाइव दर्शन होता है. इसे श्रद्धालु इंटरनेट पूजा कहते हैं.
1250 कांवरियों ने शीघ्रदर्शनम टोकन से की पूजाशीघ्रदर्शनम व्यवस्था के तहत मेला के 28वें दिन 1250 टोकन बिके. श्रद्धालु मंदिर कार्यालय में 300 रुपये का रसीद लेकर शीघ्रदर्शनम गेट से मंदिर गर्भगृह में सुलभ जलार्पण किया. इस व्यवस्था से मंदिर प्रबंधन को 3 लाख 75 हजार रुपये की आमदनी प्राप्त हुई. मंदिर सिंह द्वार से श्रद्धालु को मंदिर प्रांगण में प्रवेश मिलता है. मंदिर प्रांगण स्थित विशेष द्वार से श्रद्धालु मंदिर गर्भगृह में प्रवेश कर जलार्पण करते हैं. शीघ्रदर्शनम की बेहतर व्यवस्था पर कांवरियों ने प्रसन्नता व्यक्त की.
मंदिर से 8,23,408 रुपये की हुई आमदनीमंदिर न्यास परिषद को मंदिर से 8,23,408 रुपये की आमदनी प्राप्त हुई. मंदिर प्रांगण स्थित विभिन्न दानपेटी से 3,92,860 रुपये, गर्भगृह गोलक से 45,423 रुपये नकद एवं अन्य स्रोतों से 8 68,092 रुपये की आमदनी प्राप्त हुई. गोलक से 220 ग्राम चांदी एवं 20 ग्राम सोना प्राप्त हुआ. दानपेटी व गोलक से निकले राशि की गिनती मंदिर संस्कार सह प्रशासनिक भवन में अधिकारियों की उपस्थिति में की गयी.
सुरक्षा बल के जवान कर्तव्यस्थल पर लगे हैं
किसी भी प्रकार की विपरीत स्थिति से निबटने के लिए रुटलाइन में अलग-अलग स्थान पर तथा मंदिर प्रांगण में सुरक्षा बल के जवान की प्रतिनियुक्ति की गयी है. सभी सुरक्षा बल के जवान श्रद्धालुओं को सुगमतापूर्वक जलार्पण कराने के लिए मंदिर के पट खुलने के समय से ही अपने अपने कर्तव्यस्थल पर उपस्थित है.
मेला की हर गतिविधि पर तीसरी आंख की नजर
श्रावणी मेले के दौरान श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई कठिनाई नहीं हो. किसी प्रकार की विपरीत स्थिति उत्पन्न नहीं हो. के लिए बासुकिनाथ, दर्शनिया टीकर मेला क्षेत्र सहित अन्य महत्वपूर्ण स्थलों पर लगभग 750 सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं. सीसीटीवी के माध्यम से असामाजिक तत्वों के साथ मेला क्षेत्र की हर गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है. इसके लिए 24 घंटे अधिकारियों व कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गयी है.
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