दुमका कोर्ट. राधा माधव मंदिर को वर्षों बाद उसकी भूमि पर न्याय मिल गया. सीनियर सिविल जज संख्या–1 राजेश कुमार सिन्हा के न्यायालय में चल रहे एक्सक्यूशन केस संख्या 14/2022 में पारित आदेश पर मंगलवार को मंदिर प्रबंधन को संबंधित भूमि का विधिवत दखल-कब्जा दिलाया गया. जानकारी के अनुसार राधा माधव ट्रस्ट की स्थापना वर्ष 1935 में हुई थी. आर्थिक कठिनाइयों के कारण वर्ष 1980 में ट्रस्ट ने जमीन निताय सरकार को गैरेज निर्माण के लिए 135 रुपये मासिक किराये पर दी थी. वर्ष 2005 तक किराया दिया गया, इसके बाद भुगतान बंद कर दिया गया. इसके बाद ट्रस्ट ने न्यायालय में इविक्शन सूट दायर किया. लंबी सुनवाई के बाद फैसला मंदिर के पक्ष में आया. न्यायालय के निर्देश पर मापी-सीमांकन कर भूमि को अतिक्रमणमुक्त कर मंदिर प्रतिनिधियों को सौंपा गया. मंदिर प्रबंधन ने इसे न्याय की जीत बताया.
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