दुमका. राज्य सेवा देने की गारंटी अधिनियम 2011 के तहत मनाये जा रहे सेवा का अधिकार सप्ताह के दौरान रविवार को जामा, मसलिया, शिकारीपाड़ा और रामगढ़ प्रखंडों में पंचायत स्तर पर विशेष शिविर लगाया गया. इसमें ग्रामीणों ने प्रमाण-पत्र, पेंशन, राशन कार्ड तथा विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से जुड़ी सेवाओं के लिए बड़ी संख्या में आवेदन जमा किए. जामा प्रखंड के चिकनियां, नाचनगड़िया, खटंगी और भैरोपुर पंचायतों में आयोजित शिविरों का उद्घाटन बीडीओ डॉ विवेक किशोर ने किया. उन्होंने कहा कि अधिनियम के तहत समयबद्ध सेवाएं उपलब्ध कराना प्रशासन की जिम्मेदारी है. शिविरों में जाति, निवासी, आय, जन्म–मृत्यु प्रमाण-पत्र, नया राशन कार्ड, राशन कार्ड में नाम जोड़ने, वृद्धा–दिव्यांग–विधवा पेंशन, भूमि संबंधी सेवाओं सहित कुल 170 आवेदन प्राप्त हुए. शिविर में बीपीआरओ, सीआई, कृषि पदाधिकारी, पंचायत सचिव और रोजगार सेवक उपस्थित थे. मसलिया प्रखंड के सापचाला, सुग्गापहाड़ी और बेलियाजोर पंचायतों में आयोजित शिविरों में बीडीओ मो. अजफर हसनैन, सीओ रंजन यादव और विधायक प्रतिनिधि निशित वरण गोलदार शामिल हुए. यहां वृद्धा, दिव्यांग और विधवा पेंशन के लिए ऑन-द-स्पॉट स्वीकृति पत्र वितरित किए गए, जिससे ग्रामीणों में उत्साह देखने को मिला. साथ ही स्कूली बच्चों के जाति, निवासी व आय प्रमाण पत्र, किशोरी समृद्धि योजना और जन्म प्रमाण पत्र का वितरण किया गया. अधिकारियों ने लोगों को आश्वस्त किया कि सभी सेवाओं का समयसीमा के भीतर निष्पादन किया जाएगा. शिकारीपाड़ा प्रखंड के मलूटी और बांकीजोर पंचायतों में लगे शिविरों में अभूतपूर्व संख्या में आवेदन प्राप्त हुए. मलूटी पंचायत में एलइओ तेरेसा मुर्मू द्वारा जाति प्रमाण पत्र वितरित किए गए. यहां अबुआ आवास के 402, मंइया सम्मान योजना के 98, लाभुक पेंशन के 52, पशुधन से जुड़े 115 सहित कुल 717 आवेदन मिले. बांकीजोर में 420 आवेदन दर्ज हुए, जिनमें आवास, पेंशन, जन्म–मृत्यु व आय–जाति प्रमाण पत्र प्रमुख रहे. दोनों पंचायतों में कुल 1137 आवेदन प्राप्त हुए. ग्रामीणों ने शिविर की उपयोगिता की सराहना की. रामगढ़ प्रखंड के छोटी रण बहियार, पहाड़पुर और गंगवारा पंचायतों में लगे शिविरों में भी ग्रामीणों ने विभिन्न सेवाओं के लिए 322 आवेदन जमा किए. गंगवारा पंचायत में सबसे अधिक 172 आवेदन मिले . तीनों पंचायतों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगाए गए शिविर में 198 लोगों की नि:शुल्क जांच की गयी. इसके अलावा सोना–सोबरन धोती–साड़ी योजना के तहत लाभुकों को वस्त्र, बुजुर्गों को कंबल तथा सर्वजन पेंशन योजना के स्वीकृति-पत्र भी वितरित किये गये. इन विशेष शिविरों ने ग्रामीणों को आवश्यक सेवाओं और योजनाओं का लाभ एक ही स्थान पर उपलब्ध कराकर प्रशासन की जनसरोकारों के प्रति प्रतिबद्धता को मजबूत किया.
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