प्रतिनिधि, बासुकिनाथ महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर बुधवार को बाबा फौजदारीनाथ की बारात धूमधाम से निकाली गई. इस शुभ अवसर पर हजारों श्रद्धालु बारात में शामिल हुए. पूरा मंदिर प्रांगण भक्तों से खचाखच भरा हुआ था, मानो बासुकिनाथ में स्वयं शिवलोक उतर आया हो. संपूर्ण नगर दुल्हन की तरह सजा हुआ था, और हर ओर भक्तिभाव का माहौल था. मंदिर प्रभारी बीडीओ कुंदन भगत और उनकी धर्मपत्नी ने यजमान की भूमिका निभायी. वैदिक मंत्रोच्चार के बीच गर्भगृह में पंचशूल की विधिवत पूजा संपन्न हुई, जिसे पुजारी प्रेमशंकर झा ने संपन्न कराया. श्रद्धालुओं की भारी भीड़ बाबा के विवाह की एक झलक पाने को उत्सुक थी. विदकरी शौखी कूंवर और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा बाबा के विवाह की रस्में पूरी की गयीं. दूल्हा बने बाबा पालकी पर सवार होकर आगे-आगे चल रहे थे. मंदिर प्रांगण से निकली इस भव्य बारात में भूत, प्रेत, पिशाच, नर कंकाल और विभिन्न देवी-देवताओं की मनमोहक झांकियां आकर्षण का केंद्र रहीं. हजारों श्रद्धालुओं ने इस पावन यात्रा में भाग लेकर स्वयं को पुण्य का भागी बनाया. हर-हर महादेव के जयकारों, ढोल-नगाड़ों और ढाक की गूंज से पूरा वातावरण शिवमय हो उठा. शिवभक्त इस अलौकिक माहौल में पूरी तरह भगवान शिव की भक्ति में लीन हो गए. मंदिर प्रांगण में अखंड दीप जलाये गये बासुकिनाथ मंदिर प्रांगण में श्रद्धालुओं ने अखंड दीप प्रज्वलित कर पूरी रात जागरण किया और विवाह की रस्मों का आनंद लिया. बाबा की बारात नगर भ्रमण करते हुए नंदी चौक और नागनाथ चौक होते हुए मंदिर प्रांगण पहुंची, जहां दूल्हा बने बाबा का भव्य स्वागत किया गया. मंगल गीतों के बीच भगवान शिव के त्रिशूल को चांदी से बनी पालकी से उतारकर गर्भगृह में ले जाया गया, जहां त्रिशूल के माध्यम से माता पार्वती को सिंदूर अर्पित किया गया, जिससे बाबा का विवाह संपन्न हुआ. पूरे मंदिर परिसर में “हर-हर महादेव ” के जयकारों, शंख, घंटा और डमरू की ध्वनि गूंज उठी. यह पावन अवसर भक्तों के लिए अविस्मरणीय बन गया. मंदिर के पुजारी डब्लू झा द्वारा विधिवत पूजा-अर्चना की गई, और पूरे विधि-विधान से यह पवित्र आयोजन संपन्न हुआ.
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