जामा. जामा प्रखंड के कुंडाडीह गांव में मंगलवार को श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन भक्ति और ज्ञान का सत्र हुआ. कथावाचक आचार्य पंडित कुलदीप कृष्ण जी महराज ने कथा के माध्यम से श्रीमद् भागवत महापुराण की महिमा की रसपान कराया. बताया कि श्रीमद् भागवत महापुराण भक्ति, ज्ञान, वैराग्य और तत्वबोध से भरा है. इस महापुराण के महात्म्य की चर्चा करते हुए बताया कि पहले संवाद में अर्पण की कथा, दूसरे में समर्पण की कथा और तीसरे में तर्पण की कथा है. श्रीमद् भागवत महापुराण के अनुसार जो कार्य समाज के लिए किया जाए वह अर्पण है, जो भगवान के लिए किया जाये वह समर्पण है, और जो पितरों के लिए किया जाए वह तर्पण कहलाता है. उन्होंने कहा कि जीवन में सत्य का ध्यान करना ही सबसे महत्वपूर्ण है. यही सत्य भगवान कृष्ण का स्वरूप है. कथा के दौरान आचार्य जी ने भागवत की मंगलाचरण की चर्चा की जिसमें भगवान वेदव्यास द्वारा सत्य का ध्यान किया गया है. उन्होंने श्रोताओं को भगवान के 24 अवतारों की कथा से भी परिचित कराया. मौके पर पूर्व सांसद सुनील सोरेन ने पहुंच कर भागवत कथा का श्रवण किया. कथा में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे.
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