प्रतिनिधि, बासुकिनाथ बासुकिनाथ मंदिर के प्रशासनिक भवन के पूर्वी द्वार की छत पर शहनाई की मधुर धुनों के बीच भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह की रस्म संपन्न हो रही है. मशहूर शहनाई वादक मोहम्मद काजिम हुसैन और ताहिर हुसैन की सुरीली धुनों से पूरा मंदिर प्रांगण भक्तिमय रहा. शहनाई की गूंज से श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए, वहीं शमशीर अब्बास की सुरपेटी, जमाल हुसैन के तबला, महेश्वर हुसैन के मंजीरा और जाहिर हुसैन के नाल वादन ने माहौल को और भी दिव्य बना दिया. संपूर्ण मंदिर प्रांगण भक्तिरस में झूम उठा. मूल रूप से बनारस के रहने वाले काजिम हुसैन पिछले 38 वर्षों से बाबा के विवाह में अपनी शहनाई से रंग भरते आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि पहले वे अपने पिता हुसैन साहब के साथ यहां आते थे, और अब अपने बेटे व भतीजे के साथ मंदिर पहुंचते हैं. उनकी शहनाई की सुरीली तान और इलाकत हुसैन के तबला वादन से श्रद्धालु झूमने पर विवश हो जाते हैं. काजिम हुसैन ने बताया कि स्वास्थ्य ठीक न होने के बावजूद हर साल महाशिवरात्रि पर बाबा फौजदारीनाथ की भक्ति उन्हें खींच लाती है. वे खुद को भोलेनाथ के विवाह में शामिल होने से रोक नहीं पाते. इससे पहले वे देवघर में भी अपनी शहनाई की मधुर धुनें बिखेर चुके हैं. महज 15 वर्ष की उम्र से शहनाई वादन कर रहे काजिम हुसैन का बाबा फौजदारीनाथ से गहरा लगाव है. उनकी शहनाई की तान न केवल भक्तों को भक्ति-भाव से भर देती है, बल्कि पूरे माहौल को अलौकिक बना देती है.
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