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मांझीथान निर्माण के विरोधियों पर हो कार्रवाई

उल्लास . ग्राम प्रधान मांझी संगठन ने धूमधाम से मनाया सोहराय पर्व, सदस्यों ने की मांग मांझीथान और जाहेरथान को आदिवासी समाज की धर्म संस्कृति और रीति-रिवाज का सुरक्षा कवच बताया आदिवासियों की धर्म, संस्कृति, परंपरा एवं रीति-रीवाज को सुरक्षित एवं विकसित करने पर जोर चार से छह जनवरी को विभिन्न प्रखंडों एवं नौ से […]

उल्लास . ग्राम प्रधान मांझी संगठन ने धूमधाम से मनाया सोहराय पर्व, सदस्यों ने की मांग

मांझीथान और जाहेरथान को आदिवासी समाज की धर्म संस्कृति और रीति-रिवाज का सुरक्षा कवच बताया
आदिवासियों की धर्म, संस्कृति, परंपरा एवं रीति-रीवाज को सुरक्षित एवं विकसित करने पर जोर
चार से छह जनवरी को विभिन्न प्रखंडों एवं नौ से 14 जनवरी तक गांव स्तर पर सोहराय पर्व मनाने का निर्णय लिया
दुमका : मांझीथान-जाहेरथान संवर्द्धन समिति एवं ग्राम प्रधान मांझी संगठन के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को गांधी मैदान में सोहराय पर्व मनाया गया. पर्व का शुभारंभ मांझी बाबा भीम सोरेन व नायकी बाबा सोनालाल हेंब्रम ने गोड़ टण्डी की पूजा-अर्चना किया. सोहराय पर्व में प्रो शर्मिला सोरेन ने कहा कि जिस प्रकार संताल परगना काश्तकारी अधिनियम संताल परगना के लिए सुरक्षा कवच है. उसी प्रकार मांझीथान और जाहेरथान आदिवासी समाज की धर्म संस्कृति और रीति-रिवाज का सुरक्षा कवच है.
उन्होंने ने कहा कि इसके बिना आदिवासी समाज का पहचान व अस्तिव समूल नष्ट हो जायेगा. प्रो सोरेन ने कहा कि आदिवासी की धर्म, संस्कृति, परंपरा एवं रीति-रीवाज को सुरक्षित एवं विकसित करने के लिए झारखंड सरकार द्वारा बांसकनाली में मांझीथान का निर्माण कराया जा रहा है. इसके पहले किसी भी राजनेता, सामाजिक संगठन, स्वैच्छिक संस्था एवं तथाकथित बुद्धिजीवी समाज सेवियों ने मांझीथान बनाने की पहल कभी भी नहीं की. इस समाज के लिए यह दुर्भाग्यपूर्ण एवं चिंतनीय विषय है. उन्होंने कहा कि बांसकनाली में निर्माणाधीण मांझीथान का विरोध करने वालों को आदिवासी समाज की धर्म संस्कृति, सामाजिक संरचना एवं परंपरागत व्यवस्था के विषय पर गहन अध्ययन करना चाहिए. वहीं मांझीथान-जाहेरथान संवर्द्धन समिति के प्रमंडलीय संयोजक इंग्लिश लाल मरांडी ने कहा कि मांझीथान निर्माण का विरोध करने वाले सिदो कान्हू मांझी परगना बैसी में एक भी व्यक्ति पट्टाधारी प्रधान या मांझी नहीं है और ना ही बांसकनाली का कोई व्यक्ति है. सिर्फ राजनीति से प्रेरित असामाजिक तत्वों का जमावड़ा है. ऐसे लोगों को चिंह्नित कर सामाजिक बाहिष्कार किया जायेगा. सोहराय पर्व के दौरान विभिन्न जिलों से आये ग्राम प्रधान, नायकी, मांझी जोगमांझी, गुड़ीत, पराणिक एवं अन्य सामाजिक पदाधिकारियों ने वर्तमान सरकार से बांसकनाली मांझीथान निर्माण का विरोध करने वाले सिदो कान्हू मांझी परगना बैसी पर प्रतिबंध लगाने, विरोध करने वाले असामाजिक तत्वों को चिह्नित कर कानूनी कारवाई करने, संताल परगना के सभी ग्रामों में मांझीथान का निर्माण मांझीथान के नाम से कराने, सभी ग्रामों के सामाजिक पदाधिकारी मांझी, नायकी, जोगमांझी, गुड़ित पाराणिक को सम्मानित राशि देने एवं आदिवासी के सभी त्योहार में राजकीयकृत अवकाश देने की मांग की है.
पर्व के दौरान संगठन ने चार से छह जनवरी को विभिन्न प्रखंडों एवं नौ से 14 जनवरी तक गांव स्तर पर सोहराय पर्व मनाने का निर्णय लिया गया. मौके पर संचालन अशोक मुर्मू, रूसोराम बास्की, प्रमंडलीय अध्यक्ष भीम प्रसाद मंडल, मुंशी टुडू, शिवलाल मुर्मू, आशुतोष महतो, श्रीकांत मंडल, सोनालाल हेंब्रम, भीम सोरेन, आशेक मुर्मू, रूसोराम बास्की, इंग्लिशलाल मरांडी, कुशल हांसदा आदि
उपस्थित थे.

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