प्रतिनिधि, जामाटीवी देखने पर मां ने फटकार लगायी, तो बच्चे इस कदर सहम गये कि वे एक -दो किमी नहीं 30-35 किमी दूर दूसरे प्रखंड में चले गये और फिर भटक गये. आदिवासी परिवार के ये दोनो मासूम बच्चे हिंदी ठीक से बोल-समझ भी नहीं पा रहे थे. काफी प्रयास के बाद इनका ठौर-ठिकाना लोग पता कर सके. फिर सूचना जामा थाना पुलिस को दी गयी और फिर पुलिस ने संपर्क साधकर उन्हें उनके घर तक पहुंचाया.दरअसल भटके हुए दोनों बच्चे कड़ाके की इस ठंड में लकड़ापहाड़ी में दिलीप कुमार जायसवाल के दुकान के सामने रो रहे थे. जिसमें राजु मुर्मू (10) ठंड लगने से उल्टी भी कर रहा था, जबकि उसका छोटा भाई राहुल मुर्मू(6) परिजनों से बिछड़ने और भटक जाने की वजह से जोर-जोर से रो रहा था. दोनों बच्चों की स्थित देखकर श्री जायसवाल ने जामा थाना को सूचित किया. सूचना पाकर थाना के एसआई प्रभारी थाना प्रभारी पीके यादव ने दोनों बच्चों को जामा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ईलाज कराकर परिजनों को सौंप दिया. दोनो बच्चे मसलिया थाना क्षेत्र के गोलबंधा पंचायत के बिचकोड़ा गांव के रहने वाले हैं. एसआई श्री यादव ने बताया कि पीडि़त बच्चे रविवार को टीवी देखने बाहर गये थे. घर आने पर मां ने डांट लगाई और बच्चे घर से बाहर निकल गये. बच्चे जाने-अनजाने लकड़ीपहाड़ी पहुंच गये. बच्चों के पिता रविंद्र नाथ मुर्मू दुमका में मजदूरी का कार्य रकते हैं. जामा थाना ने त्वरित पहल कर बच्चों को घर ले जाकर परिजनों से मिलवा दिया. ………………………फोटो5-डीएमके-51मां की फटकार के बाद लकड़ापहाड़ी पहुंचे बच्चे.
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टीवी देखने पर मां ने लगायी फटकार, सहोदर भाई मसलिया से पहुंच गये जामा// लकड़ापहाड़ी गांव पहुंचकर बिलख रहे थे दोनों मासूम/ ठंड से हो गयी थी तबियत खराब// इलाज कराने के बाद पुलिस ने पहुंचाया घर
प्रतिनिधि, जामाटीवी देखने पर मां ने फटकार लगायी, तो बच्चे इस कदर सहम गये कि वे एक -दो किमी नहीं 30-35 किमी दूर दूसरे प्रखंड में चले गये और फिर भटक गये. आदिवासी परिवार के ये दोनो मासूम बच्चे हिंदी ठीक से बोल-समझ भी नहीं पा रहे थे. काफी प्रयास के बाद इनका ठौर-ठिकाना लोग […]
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