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प्रतिनियोजित को तो हटा दिया, विरमित होंगे तो पढ़ायेगा कौन
दुमका : दुमका जिले में उत्क्रमित उच्च विद्यालयों के अलावा राजकीय व राजकीयकृत उच्च विद्यालयों में पठन-पाठन प्रतिनियोजित शिक्षकों के भरोसे ही चल रहा है. हाल ही में जिला शिक्षा पदाधिकारी के स्तर से जो पत्र जारी कर दिया गया है. उससे केवल दुमका शहर के चार विद्यालयों से 42 प्रतिनियोजित शिक्षक को हटाना पड़ […]
दुमका : दुमका जिले में उत्क्रमित उच्च विद्यालयों के अलावा राजकीय व राजकीयकृत उच्च विद्यालयों में पठन-पाठन प्रतिनियोजित शिक्षकों के भरोसे ही चल रहा है. हाल ही में जिला शिक्षा पदाधिकारी के स्तर से जो पत्र जारी कर दिया गया है. उससे केवल दुमका शहर के चार विद्यालयों से 42 प्रतिनियोजित शिक्षक को हटाना पड़ जायेगा.
कई शिक्षक तो संबंधित प्राचार्य-प्रभारी प्राचार्य के पास विरमित करने का आवेदन लेकर पहुंच भी रहे हैं. ऐसे विद्यालय प्रधानों को कुछ सूझ नहीं रहा है कि आखिर वे वरीय पदाधिकारी के निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करायें या फिर विद्यालय पहुंचने वाले सैकड़ों बच्चों का भविष्य देखें.
मंत्री ने दिया था यथावत रखने का निर्देश
समाज कल्याण मंत्री सह स्थानीय विधायक लोइस मरांडी ने मई महीने में ही निर्देश दिया था कि शहर के चार बड़े सरकारी विद्यालय जहां हाइ स्कूल और प्लस टू की पढ़ाई होती है, वहां शिक्षकों की कमी को देखते हुए शिक्षकों के प्रतिनियोजन को पठन-पाठन के लिए यथावत रखा जाये. मंत्री के आदेश पर क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक ने पत्र जारी किया था, लेकिन उसके बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय ने जून महीने के अंतिम सप्ताह में प्रतिनियोजन रद्द करने का आदेश जारी कर दिया.
प्लस टू जिला स्कूल : होने चाहिए 40, हैं महज चार
प्लस टू जिला स्कूल का गौरवशाली इतिहास रहा है. इस स्कूल में तकरीबन दो हजार छात्र अध्ययनरत हैं. कभी इस स्कूल के माध्यमिक शाखा में 40 शिक्षक हुआ करते थे, आज इस स्कूल में एक प्राचार्य के अलावा तीन शिक्षक पदस्थापित हैं. उसमें से भी एक की सेवा सप्ताह में दो-तीन दिन दूसरे स्कूल को चली जाती है. वहीं एक तो तीन महीने में सेवानिवृत भी होनेवाले हैं. इस स्कूल में यूं कहें तो इस स्कूल में इतिहास व भूगोल पढ़ाने वाले ही शिक्षक नियुक्त हैं, बाकि विषयों की पढ़ायी प्रतिनियोजित शिक्षक ही कराते हैं.
प्लस टू गर्ल्स हाइ स्कूल : होने चाहिए 29, हैं महज दो
प्लस टू गर्ल्स हाई स्कूल दुमका में बालिकाओं के लिए सरकारी स्तर पर संचालित महत्वपूर्ण विद्यालय है. इस विद्यालय में जो शिक्षक पदस्थापित हैं, वे क्राफ्रट और सामान्य विषय के हैं. विज्ञान, गणित हो या भाषा साहित्य के रुप में हिंदी, अंग्रेजी, संताली, उर्दू या बंगला, किसी भी विषय के यहां शिक्षक नही है. अलबत्ता प्राचार्य का भी यहां पद लंबे अरसे से खाली ही पड़ा हुआ है. यहां भी तमाम विषयों की पढ़ाई घींच-तानकर प्रतिनियोजन से ही चलता रहा है. मजे की बात है कि इस स्कूल में लिपिक के दोनो पद पर और आदेशपाल के 11 में से दस पदों पर कर्मी कार्यरत हैं.
प्लस टू नेशनल हाइ स्कूल : चाहिए 20, कार्यरत हैं छह
प्लस टू नेशनल उच्च विद्यालय दुमका के माध्यमिक संकाय में कुल 20 पद स्वीकृत हैं जिसमें से मात्र 6 शिक्षक ही मूल कोटि के हैं जबकि 05 शिक्षक प्रतिनियोजित है. इंटर संकाय में कुल 11 पद स्वीकृत है जिसमें से मात्र 8 शिक्षक मूल कोटि केे हैं जबकि 4 प्रति नियोजित शिक्षक अपनी सेवा दे रहे हैं. यहां कई एक विषय स्वीकृत पद नहीं है तथा फिर बड़ी संख्या में छात्रों द्वारा इन विषयों में नामांकन लिए जाने के कारण उस विषय की पढ़ाई प्रतिनियोजित शिक्षकों के माध्यम से ही कराई जा रही है. नेशनल स्कूल के माध्यमिक संकाय में कुल 576 तथा इंटर संकाय में कुल 912 छात्र छात्राएं अध्ययनरत हैं.
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