सुरक्षा की गारंटी देने व अन्य मांगों के समर्थन में किया प्रदर्शन
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सदर अस्पताल में ठप रही ओपीडी सेवा
सुरक्षा की गारंटी देने व अन्य मांगों के समर्थन में किया प्रदर्शन जामताड़ा डीसी के आश्वाासन के बाद आंदोलन समाप्त दुमका : जामताड़ा के सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार साहा पर जानलेवा हमला व अभद्र व्यवहार करने के विरोध में झासा के आह्वान पर झासा व आइएमए के संयुक्त तत्वावधान में जिले के सभी चिकित्सकों […]
जामताड़ा डीसी के आश्वाासन के बाद आंदोलन समाप्त
दुमका : जामताड़ा के सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार साहा पर जानलेवा हमला व अभद्र व्यवहार करने के विरोध में झासा के आह्वान पर झासा व आइएमए के संयुक्त तत्वावधान में जिले के सभी चिकित्सकों ने सोमवार को कार्य बहिष्कार किया. सभी चिकित्सक निर्धारित समय पर अस्पताल पहुंचे. हाजिरी बना कर वार्ड में भर्ती मरीजों को देखने के बाद वे प्रतिदिन की तरह सामान्य ओपीडी में नहीं गये. सभी चिकित्सक अपनी मांगों के समर्थन में ओपीडी परिसर में ही डटे रहे. चिकित्सा पदाधिकारियों ने बताया जिस तरह आये दिन सिविल सर्जन, चिकित्सा पदाधिकारी व स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला हो रहा है. वे अपने को पूरी तरह असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. कहा कि स्वास्थ्य केंद्र से लेकर सदर अस्पताल तक पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था मुहैया करायी जाये.
ताकि चिकित्सक बेखौफ मरीजों की सेवा कर सके. डर के साये में न ड्यूटी होती है. न ही मरीजों का सही इलाज हो पाता है. चिकित्सकों ने सिविल सर्जन पर हमला करनेवालों पर कार्रवाई करने के साथ-साथ चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराये जाने की मांग की है. चिकित्सकों का कहना है कि अगर उन्हें सुरक्षा मुहैया नहीं कराया गया, तो वे आंदोलन करने को विवश होंगे. मौके पर सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ विनोद कुमार सिन्हा, डॉ डीएन पांडेय, डॉ देवाशीष रक्षित, डॉ सीपी सिन्हा, डॉ एके सिंह, डॉ एएम सोरेन, डॉ एनके झा, डॉ तुषार ज्योति, डॉ संजय लाल दास, डॉ सुदीप केशव मिश्रा, डॉ लखन सोरेन, डॉ संतोष कुमार साह, डॉ संगीता टोपनो, डॉ एसएन राम, डॉ कुमार अभय प्रसाद, डॉ शक्ति प्रकाश भास्कर, डॉ ओम प्रकाश, डॉ संजय दास आदि उपस्थित थे.
इमरजेंसी वार्ड के बाहर जुटी रही मरीजों की भीड़
डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार के कारण सुबह से ही सदर अस्पताल का ओपीडी बंद रहा. इस कारण मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. सदर अस्पताल में दूर-दराज के मरीज भी इलाज के लिए आते हैं. पर सोमवार को ओपीडी बंद रहे से मरीजों को काफी परेशानी हुई. इस दौरान मरीजों को बिना इलाज कराये ही वापस घर लौटना पड़ा. हालांकि बहिष्कार के बावजूद इमरजेंसी सेवा चालू रखी गयी थी. गंभीर मरीजों का इलाज आपातकाल सेवा में डॉक्टरों द्वारा किया जा रहा था. डॉक्टरों ने बताया कि इमरजेंसी सेवा व पोस्टमार्टम को कार्य बहिष्कार में शामिल नहीं किया है.
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