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चाचा के हत्यारे को आजीवन कारावास

अर्थदंड के 15 हजार रुपये मृतक की पत्नी को देने का आदेश दुमका : जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम रिजवान अहमद की अदालत ने चाचा की हत्या करने के मामले में भतीजे को 15 हजार रुपये अर्थदंड के साथ आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. अर्थदंड की राशि का भुगतान नहीं करने पर आरोपित […]

अर्थदंड के 15 हजार रुपये मृतक की पत्नी को देने का आदेश

दुमका : जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम रिजवान अहमद की अदालत ने चाचा की हत्या करने के मामले में भतीजे को 15 हजार रुपये अर्थदंड के साथ आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. अर्थदंड की राशि का भुगतान नहीं करने पर आरोपित को तीन माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. दुमका के प्रथम जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने दोनों पक्षों की ओर से बहस सुनने के बाद मंगलवार को सत्रवाद संख्या 188/2013 व दुमका मुफस्सिल थाना कांड संख्या 156/012 में यह फैसला सुनाया है.
चाचा सुशील मुर्मू की हत्या आरोपित सुधीर मुर्मू ने 2012 में कर दी थी. अपर लोक अभियोजक दिनेश कुमार ओझा से मिली जानकारी के अनुसार मृतक की पत्नी फूलमुनी सोरेन की शिकायत पर मुफस्सिल थाना में भादवि की धारा 302 के तहत आरोपित सुधीर मुर्मू के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. दर्ज प्राथमिकी के अनुसार मृतक सुशील मुर्मू 7 दिसंबर 2012 को शाम के करीब 4 बजे जामकांदर गांव में अपनी खलिहान पर धान झाड़ रहा था. इस बीच वह बैलगाड़ी लेकर किसी की धान ढुलाई करने चला गया. लौटा तो इससे नाराज भतीजा सुधीर मुर्मू ने बैलगाड़ी के सिपहा से उसके सिर पर प्रहार कर दिया, जिससे उसकी घटना स्थल पर ही मौत हो गयी थी. न्यायालय ने उसे सिद्धदोष करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनायी, जबकि 15 हजार रूपये के अर्थ दंड को मुआवजे के तौर पर मृतक की पत्नी फूलमुनी सोरेन को देने का फैसला सुनाया. मामले में सरकार की ओर से न्यायालय में 11 गवाह पेश किये गये. बचाव पक्ष की ओर से राजेंद्र मोदी ने मुकदमे की पैरवी की.

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