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अनुसंधानक ने कहा-गवाहों ने मामा को गोली चलाते हुए देखा था

झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह के करीबी रंजय सिंह की सरेआम गोली मारकर हत्या कर देने के मामले की हुई सुनवाई

विधि प्रतिनिधि, धनबाद,

झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह के करीबी रंजय सिंह की सरेआम गोली मारकर हत्या कर देने के मामले की सुनवाई गुरुवार को जिला व सत्र न्यायाधीश दुर्गेश चंद्र अवस्थी की अदालत में हुई. वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए नंदकुमार सिंह उर्फ मामा को अदालत में पेश किया गया था. वहीं हर्ष सिंह गैर हाजिर थे. अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक समित प्रकाश ने साक्षी मामले के अनुसंधानकर्ता सरायढेला के पूर्व थाना प्रभारी निरंजन तिवारी का बयान दर्ज कराया. इससे पूर्व अदालत में पूर्व थाना प्रभारी व अनुसंधानकर्ता अरविंद कुमार का बयान अदालत में दर्ज किया गया था. अदालत को दिये बयान में अनुसंधानकर्ता ने मामले का समर्थन किया. निरंजन तिवारी इस मामले के दूसरे अनुसंधानकर्ता हैं. कोर्ट को दिये बयान में अनुसंधानकर्ता निरंजन तिवारी ने कहा : इस केस में फरार चल रहे अभियुक्त नंदकुमार सिंह उर्फ मामा को गिरफ्तारी के लिए भोजपुर आरा में छापामारी की. उसे गिरफ्तार किया था, परंतु उसके परिवार वालों व समर्थकों ने पुलिस दल पर हमला कर व फायरिंग कर छुड़ा लिया. अभियुक्त वहां से फरार हो गया था. इसको लेकर आरा मुफस्सिल थाना में मुकदमा दर्ज हुआ था. बाद में आरा एसटीएफ ने एक अगस्त 2018 को उसे गिरफ्तार किया था. आठ अगस्त 2018 को अभियुक्त नंदकुमार सिंह उर्फ मामा को प्रोडक्शन वारंट पर धनबाद में रंजय हत्याकांड में रिमांड कराया गया, जहां नौ अगस्त को कांड के वादी व चश्मदीद राजा यादव ने मामा की पहचान मजिस्ट्रेट के समक्ष मंडल कारा में किया था. राजा यादव ने नंद कुमार सिंह उर्फ मामा को रंजय सिंह पर गोली चलाने वाले के रूप में पहचान की थी. पुलिस रिमांड में भी मामा ने अपना दोष स्वीकार किया था.

नीरज सिंह हत्याकांड में संजीव के आवेदन पर अभियोजन ने दिया प्रति उत्तर :

अपने चचेरे भाई नीरज सिंह की हत्या के आरोप में बीते आठ वर्षों से जेल में बंद झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह के आवेदन पर अपर लोक अभियोजक समिति प्रकाश ने गुरुवार को अदालत में प्रति उत्तर दाखिल किया है . जिला एवं सत्र न्यायाधीश दुर्गेश चंद्र अवस्थी की अदालत में अपर लोक अभियोजक द्वारा दिये गये आवेदन में कहा गया है कि यह बचाव साक्षी के लिए डेढ़ वर्ष से चल रहा है, आज से पहले कभी ये पिटीशन नहीं दिये कि उन्हें एयरटेल या अन्य कंपनी का सीडीआर मंगाया जाये. बचाव पक्ष का पिटीशन मेंटेनेबल नहीं है. इसलिए खारिज किया जाये. अदालत ने सुनवाई के लिए अगली तारीख 4 जून निर्धारित कर दी है.

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