बरवाअड्डा थाना क्षेत्र के मेमको मोड़ स्थित श्रीराम अस्पताल में रविवार की रात राजगंज थाना क्षेत्र के सालदहा गांव निवासी मिथलेश महतो की 22 वर्षीय पत्नी शांति देवी की इलाज के दौरान मौत हो गयी. घटना के बाद आक्रोशित परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल के गेट पर शव रख कर जमकर हंगामा किया. सूचना मिलने पर बरवाअड्डा थाना प्रभारी सुनील कुमार रवि दलबल के साथ मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझा, बुझाकर शांत कराया.
कुछ दिनों से बीमार थीं शांति :
मृतका के पति मिथलेश महतो ने बताया कि उनकी पत्नी शांति देवी कुछ दिनों से बीमार चल रही थी. 28 फरवरी को एक्स-रे सोनोग्राफी आदि जांच करायी गयी. रविवार को जांच रिपोर्ट लेकर मेमको मोड़ स्थित श्रीराम हॉस्पिटल में डॉक्टर से दिखाने आये थे. रिपोर्ट देखने के बाद डॉक्टर ने कहा कि मरीज के फेफड़ा में पानी जम गया है. एक-दो और जांच करानी होगी. फिर पानी को निकाला जाएगा. चिंता करने की बात नहीं है. मरीज जल्द ही ठीक हो जायेगी. इसके बाद डॉक्टर ने 15 हजार रुपया जमा करा दिया और टेस्ट के लिए 5 सौ रुपए अलग से लिया. इलाज के नाम पर पत्नी को अस्पताल में भर्ती कर लिया.अस्पताल प्रबंधन पर मौत की जानकारी छिपाने का आरोप :
उन्होंने आरोप लगाया कि शाम लगभग चार बजे पत्नी शांति देवी को एक सूई देने के बाद स्थिति बिगड़ने लगी. कुछ देर बाद वह खून की उल्टियां करने लगी. मरीज की हालत गंभीर होते हुए देख शाम 5 बजे डाक्टर ने आनन-फानन में पत्नी को एसएनएमएमसीएच धनबाद ले जाने को दबाव बनाने लगे. एसएनएमएमसीएच धनबाद पहुंचने पर डाक्टरों ने उनकी पत्नी को मृत घोषित कर दिया. कहा कि शांति की मौत श्रीराम अस्पताल में ही हो गयी थी. अस्पताल प्रबंधक ने इस बात को छिपाया. इसके बाद परिजन शांति के शव लेकर श्रीराम अस्पताल पहुंचे और शांति का शव अस्पताल के गेट पर रखकर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए जमकर हो, हंगामा करने लगे. समाचार लिखे जाने तक मुआवजा को लेकर अस्पताल प्रबंधक और परिजनों में वार्ता चल रही थी.कोट
मरीज के फेफड़े में पानी भर गया था. इसे निकालने के लिए पाइप पास करना पड़ता है. खासी से खून आ रहा था. ईलाज में लापरवाही का आरोप सही नहीं है.डॉ एके वर्णवाल,
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