धनबाद.
सीएसआइआर-केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान (सिंफर) में गुरुवार को आधुनिक खनन प्रौद्योगिकी और ईंधन विज्ञान : सिद्धांत और व्यवहार विषय पर एक माह का कार्यकारी विकास कार्यक्रम शुरू हुआ. इसमें हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड के 12 खनन व भू-विज्ञान स्नातक अभियंता प्रशिक्षु भाग ले रहे हैं. कार्यक्रम का उद्देश्य उन्हें खनन और ईंधन विज्ञान की आधुनिक विधियों में दक्ष बनाना है. इसमें नवाचार, सुरक्षा और स्थिरता को प्रमुखता दी गयी है.कोयले की मूल्य शृंखला की समझ प्रदान करेगा प्रशिक्षण
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉ एके घोष ने कार्यक्रम की रूपरेखा की जानकारी दी. बताया कि यह कोर्स कोयले की मूल्य शृंखला की संपूर्ण समझ प्रदान करेगा. इसमें आधुनिक खनन तकनीक, सतही व भूमिगत खनन, खान सुरक्षा, बैकफिलिंग, खान समापन योजना और बुद्धिमान खनन पर विशेष सत्र होंगे. वहीं ईंधन विज्ञान के तहत सैंपलिंग, कार्बोनाइज़ेशन, कार्बन कैप्चर एंड यूटिलाइजेशन, दुर्लभ मृदा तत्वों व स्वच्छ ऊर्जा रणनीति जैसे विषय कवर होंगे. संस्थान के मुख्य वैज्ञानिक डॉ जेके पांडे ने संस्थान की गुणवत्ता-आधारित प्रशिक्षण पद्धति पर भरोसा जताते हुए प्रतिभागियों को इस मौके से लाभ उठाने की अपील की.
एल्यूमीनियम के क्षेत्र में भारत की भूमिका होगी महत्वपूर्ण
उत्कृष्ट वैज्ञानिक डॉ पीके बनर्जी ने प्रतिभागियों को भविष्य का परिवर्तनकर्ता बताया व एल्यूमीनियम उत्पादन में स्थिरता तथा पर्यावरणीय जिम्मेदारी पर बल दिया. निदेशक प्रो अरविंद कुमार मिश्रा ने सिंफर की वैज्ञानिक उपलब्धियों, अनुसंधान कार्यों व आत्मनिर्भर भारत अभियान में योगदान पर प्रकाश डाला. कहा कि एल्यूमीनियम के क्षेत्र में भारत की भूमिका भविष्य में महत्वपूर्ण होगी. वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉ एनके मोहालिक ने धन्यवाद ज्ञापन किया.
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