धनबाद.
हृदय रोग सिर्फ उम्रदराज लोगों तक सीमित नहीं, यह युवाओं को भी तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है. ऐसे में जरूरी है कि हम जागरूक बनें, नियमित जांच कराएं और जीवनशैली में सुधार लायें. समय रहते सतर्कता बरतने से हृदय रोग से न सिर्फ बचाव संभव है, बल्कि स्वस्थ जीवन भी सुनिश्चित किया जा सकता है. हृदय से जुड़ी गंभीर समस्याओं से बचने के लिए 30 की उम्र पार करते ही नियमित हेल्थ चेकअप करायें. खास तौर पर फुल बॉडी चेकअप के दौरान टीएमटी (ट्रेडमिल टेस्ट) और सीटी कोरोनरी एंजियोग्राफी जैसे परीक्षणों से हृदय की स्थिति का सही समय पर आकलन किया जा सकता है. सीने में भारीपन या दर्द, सांस फूलना, थकावट या कमजोरी, हाथों, जबड़े या पीठ में दर्द, अचानक पसीना आना, बेहोशी जैसा महसूस होना, इनमें से कोई भी लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. हार्ट की बीमारी से बचाव के लिए संतुलित आहार लें. खाने में कम वसा लें, नमक के इस्तेमाल से परहेज करें. ज्यादा फल-सब्जियां खाएं. हर दिन कम से कम 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि जरूरी है. धूम्रपान व शराब से दूर रहें. योग, ध्यान और पर्याप्त नींद से तनाव को दूर रखें. हाई बीपी और डायबिटीज हार्ट के सबसे बड़े दुश्मन हैं. वहीं मोटापा हृदय पर अतिरिक्त दबाव डालता है. साल में एक बार फुल बॉडी चेकअप, इसीजी, लिपिड प्रोफाइल, टीएमटी और इको जैसी जांच जरूरी है. यह सुझाव शुक्रवार को प्रभात खबर ऑनलाइन मेडिकल काउंसेलिंग में शहर के प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ सूरज चव्हाण ने दिया. गिरिडीह से हरिनारायण साव ने पूछा : 2014 में हार्ट में स्टेंट लगा है. कुछ माह से सीने में दर्द की शिकायत है.डॉक्टर : वर्तमान में हार्ट में ब्लॉकेज की स्थिति का फिर से पता लगाना जरूरी है. तत्काल हृदय रोग विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करें. ऑपरेशन के बाद भी ब्लॉकेज बढ़ने की आशंका रहती है. कुछ जांच के बाद हृदय से संबंधित जानकारी आसानी से प्राप्त कर इलाज शुरू किया जा सकता है.
केंदुआ से रामअवतार ने पूछा : सीने के बांयी ओर पिछले हिस्से में दर्द रहता है. क्या यह हार्ट की बीमारी की वजह से है?डॉक्टर : सीने के पिछले हिस्से में दर्द कई कारणों से हो सकता है. हार्ट संबंधित बीमारी का पता इसीजी के जरिए लगाया जा सकता है. रिपोर्ट नाॅर्मल आने पर एक्स-रे करा दर्द के कारणों का पता लगा सकते हैं. ज्यादातर मामलों में पीठ के पिछले हिस्सों में दर्द मांशपेशियों से जुड़ा भी हो सकता है.
बोकारो से याकूब अख्तर ने पूछा : 2022 में स्टेंट लगा है. वर्तमान में कब्जियत की शिकायत व पेट फुलने की समस्या रहती है.डॉक्टर : यह समस्या मुख्य रूप से पेट के परेशानी की ओर इशारा करती है. वसा युक्त भोजन, नानवेज व फास्ट फूड खाने-पीने से परहेज करें. हरी सब्जियां व फलाें का सेवन ज्यादा करें. नियमित रूप से एक्सरसाइज करें. इसके बावजूद समस्या बनी रहती है तो चिकित्सक से परामर्श करें.
सरायढेला वास्तु विहार से रामचंद्र कुमार ने पूछा : सीने में दर्द के बाद एंजियोप्लास्टी करवायी. रिपोर्ट में ब्लॉकेज की जानकारी मिली है. क्या ऑपरेशन करना जरूरी है?डॉक्टर : सबसे पहले तो रिपोर्ट में ब्लॉकेज कितने प्रतिशत है, इसकी जानकारी होना जरूरी है. कुछ मामलों में लगभग 70 प्रतिशत तक ब्लॉकेज दवा से ठीक करना संभव है. दवा के साथ ही जीवनशैली में बदलाव भी जरूरी है. खाने में नानवेज, आलू, तला भाेजन आदि को त्याग दें. नियमित रूप से एक्सरसाइज करें. तीन माह के बाद एलडीएल व ट्राइग्लिसराइड्स की जांच करायें. ब्लॉकेज का प्रतिशत अगर बढ़ रहा है तो चिकित्सक से परामर्श करें.
हाउसिंग कॉलोनी से पूजा मिश्रा ने पूछा : चलने वक्त सांस फलने लगती है. पैरों में भी सूजन रहता है. क्या यह हार्ट की बीमारी के कारण है?डॉक्टर : यह विभिन्न कारणों से हो सकता है. हार्ट संबंधित बीमारी का पता लगाने के लिए इसीजी, इको करा सकती हैं. रिपोर्ट में हार्ट संबंधित बीमारी की जानकारी नहीं मिलने पर अन्य जांच करानी होगी. इसके लिए चिकित्सक से संपर्क करें.
धनबाद से नंदनी मिश्रा ने पूछा : खाने के बाद सीने व पेट में जलन होता है. क्या यह हार्ट की बीमारी की वजह से हो रहा है?डॉक्टर : यह लक्षण पेट के साथ हृदय की बीमारी की ओर इशारा करता है. इसके लिए जरूरी है कि पहले पेट का अल्ट्रासाउंड कराएं. कई बार पेट की समस्या की वजह से सीने में जलन होती है. वहीं कई मामलों में हृदय से संबंधित बीमारी की वजह से भी सीने में जलन होती है.
सरायढेला से रजनी देवी ने पूछा : कुछ दिनों से सीने के दोनों ओर दर्द की शिकायत है. क्या यह हृदय की बीमारी की वजह से है?डॉक्टर : यह आमतौर पर शरीर में हार्मोनल चेंजेस की वजह से हो सकता है. मन की शंका दूर करने के लिए इसीजी व मेमोग्राफी की जांच करा सकती हैं. इसके लिए चिकित्सक से परामर्श करें.
स्टीलगेट से सुनीता मिश्रा ने पूछा : काफी समय से स्पोंडिलाइटिस की समस्या है. वर्तमान में सीने में दर्द रहता है?डॉक्टर : स्पोंडिलाइटिस में आमतौर पर गर्दन से लेकर बांहों में दर्द रहता है. सीने में अगर दर्द हो रहा है तो इसीजी कराएं. कई मामलों में सीने में दर्द होना हृदय संबंधित बीमारी का शुरुआती लक्षण हो सकता है.
कोलाकुसमा से दिनेश महतो ने पूछा : रात में सही से नींद नहीं होने पर बांये सीने में दर्द की शिकायत रहती है?डॉक्टर : यह हृदय की बीमारी की ओर इशारा करता है. बीमारी का पता लगाने के लिए इको व टीएमटी करा सकते हैं. इससे बीमारी की स्थिति के संबंध में पता लगाना आसान है. रिपोर्ट के आधार पर चिकित्सीय प्रक्रिया शुरू होगी.
सरायढेला से एमके मिश्रा ने पूछा : 2023 में स्टेंट लगा है. वर्तमान में चलने पर सांस फुलने की समस्या हो रही है.डॉक्टर : इस स्थिति में फिर से हृदय की जांच करानी जरूरी है. जांच के बाद ही कारणों का पता लगाया जा सकता है. इसके लिए हृदय रोग विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श करें.
राजगंज से दुर्गेश तिवारी ने पूछा : ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ा हुआ है. इसके लिए दवा खा रहे है. क्या बीच में दवा छोड़ सकते है?डॉक्टर : ट्राइग्लिसराइड्स के साथ एक बार एलडीएल की जांच करा लें. एलडीएल बढ़ा होने से ब्लॉकेज होने की संभावना रहती है. दोनों की रिपोर्ट सामान्य आने पर कुछ परहेज कर दवा छोड़ सकते है. इससे पहले चिकित्सक से परामर्श लें.
झारुडीह से राहुल कुमार ने पूछा : ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ा हुआ है. इसे ठीक करने के लिए कबतक दवा खानी होगी.डॉक्टर : जीवनशैली में बदलाव लाकर दवा की डोज कुछ कम की जा सकती है. खाने-पीने में विशेष सावधानी बरतें. वसायुक्त भाेजन से परहेज करें. हरी सब्जियां व फलों का सेवन ज्यादा करें. नॉनवेज से दूर रहें. नियमित रूप से व्यायाम करें. इससे ट्राइग्लिसराइड्स को कंट्रोल में रखना संभव है.
नोट : इन्होंने भी पूछे सवालपंचेत से उत्पल मंडल, हीरापुर से अर्चना मिश्रा, धैया से राधिका, बलियापुर से हिमांशु मंडल, वासेपुर से रियाज अहमद.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

