धनबाद.
भारत सरकार के खान मंत्रालय ने राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन के तहत देश के सात उत्कृष्टता केंद्रों में से एक के रूप में आइआइटी आइएसएम को चुना है. इस केंद्र की स्थापना संस्थान के टेक्समिन रिसर्च पार्क में की गयी है. यह केंद्र देश-विदेश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों, उद्योगों और नवाचार भागीदारों के साथ मिलकर हब एंड क मॉडल पर काम करेगा. इसके लिए कई अंतरराष्ट्रीय सहयोग भी संस्थान को मिले हैं. इनमें कर्टिन यूनिवर्सिटी, यूके की यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज और ब्राजील की फेडरल यूनिवर्सिटी ऑफ रियो डी जनेरियो जैसे प्रतिष्ठित संस्थान शामिल हैं. वहीं आइआइटी (बीएचयू) वाराणसी व आइआइटी गांधीनगर भी सहयोगी के रूप में जुड़े हैं. उद्योग जगत से हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड, एमओआइएल लिमिटेड, नोवासेंसा और यूके की सेंटर फॉर प्रोसेस इनोवेशन लिमिटेड आदि इस मिशन से जुड़े हैं.तकनीकी परियोजनाओं से मिलेगा स्वच्छ ऊर्जा को समर्थन
इस केंद्र के माध्यम से एआइ-एमएल आधारित खनिज खोज, कोर सैंपल डिजिटाइजेशन, खनिजों की रियल-टाइम ट्रैकिंग और रिसाइक्लिंग समाधान जैसे अत्याधुनिक प्रोजेक्ट्स पर काम होंगे. ये सभी पहल स्वच्छ ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन, रक्षा, अंतरिक्ष और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में आवश्यक खनिजों की सुनिश्चित आपूर्ति में सहायक सिद्ध होंगी. संस्थान के निदेशक व टेक्समिन गवर्निंग बोर्ड के चेयरमैन प्रो सुकुमार मिश्रा ने कहा कि यह मान्यता संस्थान की वर्षों की मेहनत और साझेदारों के साथ समन्वय का परिणाम है. यह भारत को खनिज क्षेत्र में तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे ले जाएगी. टेक्समिन के परियोजना निदेशक प्रो धीरज कुमार ने बताया कि कटिंग एज तकनीकों जैसे आइ, आइओटी, ड्रोन व रोबोटिक्स की मदद से माइनिंग 4.0 को गति दी जाएगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

