कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि आइआइटी आइएसएम के निदेशक प्रो सुकुमार मिश्रा ने किया. वहीं सिंफर के निदेशक प्रो अरविंद कुमार मिश्रा ने स्वागत संबोधन में महोत्सव के महत्व व मिशन विकसित भारत 2047 पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी देश की प्रगति के आधार हैं. यह एक ऐसा मंच है जो छात्रों, युवाओं व शोधकर्ताओं को वैज्ञानिक गतिविधियों से जोड़ता है. आइआइएसएफ का आयोजन छह से नौ दिसंबर तक चंडीगढ़ में होगा. इसका उद्देश्य विज्ञान को आम लोगों के लिए सुलभ, रोचक और प्रेरणादायक बनाना है. कार्यक्रम में छात्रों के लिए जागरूकता व्याख्यान, वैज्ञानिक प्रदर्शन व प्रैक्टिकल एक्सपोजर के माध्यम से सीखने के अवसर उपलब्ध कराये गये.
महोत्सव में शामिल हुए छात्र बन सकते हैं वैज्ञानिक : प्रो सुकुमार
मुख्य अतिथि आइआइटी आइएसएम के निदेशक प्रो सुकुमार मिश्रा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आइआइएसएफ में 90 प्रतिशत प्रतिभागी स्कूल स्तर के छात्र होते हैं, जो भविष्य के वैज्ञानिक बन सकते हैं. उन्होंने पौराणिक प्रसंग के माध्यम से ‘ज्ञान से विज्ञान’ की यात्रा समझायी. वहीं सिंफर के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम छात्रों को रिसर्च से जोड़ते हैं और विज्ञान में करियर चुनने की प्रेरणा देते हैं. कार्यक्रम में पृथ्वी विज्ञान, जलवायु, खनन अनुप्रयोग व पर्यावरण से जुड़े दो वैज्ञानिक इंस्टॉलेशन प्रदर्शित किये गये. डॉ एमपी रॉय ने धन्यवाद ज्ञापन किया. इसके बाद प्रतिभागियों ने एनवायरनमेंट मैनेजमेंट, इंटेलिजेंट माइनिंग सिस्टम, रॉक टेस्टिंग व 1000 टन हॉरिज़ॉन्टल टेंसाइल टेस्टिंग जैसी उन्नत प्रयोगशालाओं का भ्रमण किया.
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