सदर अस्पताल एक बार फिर डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है. इस बार स्थिति इतनी गंभीर हो गयी है. एक जून से अस्पताल का मेडिसिन विभाग का ओपीडी पूरी तरह बंद हो जायेगा. वजह है विभाग के एकमात्र फिजिशियन डॉ अब्दुल आज़ाद ने सोमवार को स्वास्थ्य विभाग में अपना इस्तीफा सौंप दिया है. उन्होंने पत्र में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि लगातार बढ़ते कार्यभार व सहयोग की कमी के चलते उन्होंने यह कदम उठाया है. डॉ आजाद के मुताबिक वह पिछले कई दिनों से अकेले ही मेडिसिन विभाग के ओपीडी का संचालन कर रहे थे. उन्होंने कई बार विभाग को अतिरिक्त चिकित्सक उपलब्ध कराने का अनुरोध किया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. गौरतलब है कि इससे पहले अस्पताल में कार्यरत डॉ राजीव कुमार को जेल अस्पताल में पदस्थापित कर दिया गया था. वहीं डॉ सुजाता कुमारी बिना पूर्व सूचना के कई दिनों से ड्यूटी से अनुपस्थित हैं. ऐसे में सारा दारोमदार अकेले ही डॉ अब्दुल आजाद पर आ गया था. इस कारण वे मानसिक व शारीरिक रूप से अत्यधिक दबाव में आ गए थे.
मरीजों को होगी परेशानी :
अस्पताल में रोजाना सैकड़ों मरीजों को मेडिसिन ओपीडी में परामर्श की जरूरत होती है. चिकित्सक के इस्तीफा के बाद अब मेडिसिन सेवा ठप हो जायेगी, तो मरीजों को निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ेगा, जो आर्थिक रूप से हर किसी के लिए संभव नहीं है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है