Dhanbad News : जीवन में धर्म, प्रेम व सेवाभाव को सर्वोपरि स्थान दें. यही मानव जीवन का गूढ़ता है. उक्त बातें धारकिरो में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन कथावाचक आचार्य कन्हैया द्विवेदी ने कही. कथा वाचक महाराज ने श्रोताओं को रुक्मिणी विवाह चरित्र के आध्यात्मिक महत्व से अवगत कराया. बताया कि कैसे भगवान श्रीकृष्ण ने रुक्मिणी के जीवन को दिव्य रूप से संजीवित किया. कथा में भगवान श्री कृष्ण के अद्वितीय गुणों व उनके प्रेम मार्ग का संदेश दिया. आचार्य ने श्रोताओं से आह्वान किया कि वे श्रीकृष्ण रुक्मिणी विवाह के इस दिव्य प्रसंग से प्रेरणा लें और अपने जीवन में धर्म, प्रेम और सेवा को सर्वोपरि रखें. नवीन गुप्ता झांकीवाले ने भगवान श्री कृष्ण और रुक्मिणी विवाह का सुंदर और जीवंत झांकी प्रस्तुत कर भक्तों का मन मोह लिया. श्री भागवत सेवा समिति धारकिरो के सभी सदस्य सक्रिय दिखे.
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