बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय (बीबीएमकेयू) झारखंड का एकमात्र ऐसा विश्वविद्यालय है, जहां स्थापना के समय ही शिक्षकों के पद सृजित कर दिये गये थे. उस समय प्रत्येक विभाग में एक प्रोफेसर, दो एसोसिएट प्रोफेसर और दो असिस्टेंट प्रोफेसर के पद स्वीकृत किये गये थे. बावजूद इसके राज्य सरकार द्वारा अभी तक विश्वविद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं की गयी. इस कारण विश्वविद्यालय शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है. विश्वविद्यालय को स्थापित हुए सात साल बीत चुके हैं, लेकिन अब तक स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पाने के कारण यहां की शिक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे है. स्थिति इतनी गंभीर है कि विवि के 28 विभागों में से सात विभागों में मात्र एक-एक शिक्षक कार्यरत हैं. इससे शैक्षणिक गुणवत्ता पर गंभीर असर पड़ रहा है. वहीं विवि में पीजी के तीन ऐसे विभाग भी हैं, जहां स्थायी शिक्षक नहीं होने के कारण नीड-बेस्ड शिक्षकों के भरोसे संचालित किया जा रहा है. इसके अलावा, विवि प्रशासन कॉलेजों से शिक्षकों का ट्रांसफर विश्वविद्यालय में नहीं कर पा रहा है, क्योंकि कॉलेज पहले से ही शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं.
इन विभागों में हैं सिर्फ एक-एक शिक्षक :
सोशल साइंस संकाय के भूगोल, अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान और मैनेजमेंट विभागों में केवल एक-एक शिक्षक कार्यरत हैं. मनोविज्ञान विभाग के एकमात्र शिक्षक सप्ताह में तीन दिन विश्वविद्यालय में और तीन दिन आरएस मोर कॉलेज में कक्षाएं लेते हैं. साइंस संकाय में पर्यावरण विज्ञान और आपदा प्रबंधन, बॉटनी और कंप्यूटर साइंस विभागों में भी केवल एक-एक शिक्षक हैं. जूलॉजी विभाग में अलग से कोई शिक्षक नहीं है, इसलिए इस विभाग की कक्षाएं पर्यावरण विज्ञान, आपदा प्रबंधन और लाइफ साइंस विभाग के शिक्षक मिलकर चला रहे हैं.नीड-बेस्ड शिक्षकों के भरोसे चल रहे विभाग :
विश्वविद्यालय में चार ऐसे विभाग हैं, जहां एक भी स्थायी शिक्षक नियुक्त नहीं हैं. इन विभागों को नीड-बेस्ड शिक्षक संचालित कर रहे हैं. इनमें मैनेजमेंट स्टडीज, मास कम्युनिकेशन, फॉरेन लैंग्वेज और आर्ट्स एंड कल्चर विभाग शामिल हैं.कॉमर्स विभाग पर सबसे अधिक दबाव :
पीजी कॉमर्स विभाग में सबसे अधिक छात्र नामांकित हैं. यहां लगभग 450 छात्र अध्ययनरत हैं, लेकिन पूरे विभाग में केवल दो शिक्षक हैं. इनमें एक स्थायी और एक नीड-बेस्ड शिक्षक शामिल हैं. विवि के साइंस संकाय के किसी भी विषय में एक भी लैब असिस्टेंट नहीं है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है