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Gangster Prince Khan: गैंगस्टर प्रिंस खान पासपोर्ट मामले में गिरी गाज, SI को ब्लैक मार्क, CID जांच में खुलासे के बाद एक्शन

Gangster Prince Khan: धनबाद के गैंगस्टर प्रिंस खान का पासपोर्ट बनाने में लापरवाही बरतने वाले एसआई कालिका राम पर गाज गिरी है. पुलिस मुख्यालय ने उन्हें ब्लैक मार्क दिया है. हैदर अली के नाम पर बने पासपोर्ट वेरिफिकेशन में पुलिस ने लापरवाही बरती थी. इसी पासपोर्ट का इस्तेमाल कर वह दुबई भाग गया था. सीआईडी जांच में इस मामले का खुलासा हुआ है.

Gangster Prince Khan: धनबाद, नीरज अंबष्ट-वासेपुर के फरार अपराधी प्रिंस खान उर्फ हैदर अली का पासपोर्ट बनाने के लिए पता सत्यापन में लापरवाही बरतने के मामले में बैंकमोड़ थाना के तत्कालीन एसआई कालिका राम पर गाज गिरी है. पुलिस मुख्यालय ने एसआई कालिका राम को ब्लैक मार्क दिया है. कालिका राम फिलवक्त पलामू जिले के सदर थाना में पदस्थापित हैं. गैंगस्टर प्रिंस का पासपोर्ट बनने का मामला उजागर होने के बाद उसी समय कालिका राम को सस्पेंड कर दिया गया था.

क्या है ब्लैक मार्क?

जानकार बताते हैं कि कार्य में गलती पाए जाने पर विभागीय सजा के तौर पर ब्लैक मार्क दिया जाता है. इसमें छह माह की वेतन वृद्धि रोक दी जाती है. इसके साथ ही तीन साल तक प्रोन्नति नहीं दी जाती है. इससे आर्थिक और प्रोन्नति का नुकसान होता है.

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सीआईडी जांच में हुआ था खुलासा

24 नवंबर 2021 को वासेपुर निवासी महताब आलम उर्फ नन्हें हत्याकांड के बाद प्रिंस खान और उसके सभी भाई धनबाद छोड़ कर भाग गये थे. इस दौरान प्रिंस ने हैदर अली के नाम से पासपोर्ट बनवाने के लिए आवेदन किया. इसके पते का सत्यापन बैंकमोड़ थाना के एसआई कालिका राम को करना था. उन्होंने पता का सत्यापन कर तत्कालीन थाना प्रभारी सह इंस्पेक्टर रणधीर सिंह को सौंपा दिया. इस पर रणधीर सिंह ने अपना हस्ताक्षर कर आवेदन को पासपोर्ट ऑफिस भेज दिया. इससे प्रिंस खान का हैदर के नाम से पासपोर्ट बनकर तैयार हो गया. बाद में प्रिंस खान टूरिस्ट वीजा पर दुबई भाग गया. जब सीआईडी ने जांच की, तो पूरे मामले का खुलासा हुआ.

कई मामले दर्ज होने के बाद भी बना पासपोर्ट

पासपोर्ट बनाने के लिए कई प्रक्रिया से गुजरना होता है. इसमें पुलिस आवेदनकर्ता का सत्यापन करती है. इसमें देखा जाता है कि आवेदनकर्ता के खिलाफ थाने में किसी तरह का प्राथमिकी तो दर्ज नहीं है. इसके साथ ही आवेदक के घर जा कर जांच की जाती है. उसके बाद आवेदन को वापस पासपोर्ट ऑफिस भेजा जाता है. सब कुछ ठीक रहा, तब पासपोर्ट बनता है. गलत होने पर आवेदन को रिजेक्ट कर दिया जाता है. इसके बाद भी प्रिंस का पासपोर्ट बना, जबकि उसके खिलाफ 40 से ज्यादा मामला दर्ज थे.

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Guru Swarup Mishra
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मैं गुरुस्वरूप मिश्रा. फिलवक्त डिजिटल मीडिया में कार्यरत. वर्ष 2008 से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से पत्रकारिता की शुरुआत. आकाशवाणी रांची में आकस्मिक समाचार वाचक रहा. प्रिंट मीडिया (हिन्दुस्तान और पंचायतनामा) में फील्ड रिपोर्टिंग की. दैनिक भास्कर के लिए फ्रीलांसिंग. पत्रकारिता में डेढ़ दशक से अधिक का अनुभव. रांची विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में एमए. 2020 और 2022 में लाडली मीडिया अवार्ड.

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