कोयले की गुणवत्ता को लेकर लंबित विवादों के निष्पादन में तेजी आयेगी. इसके लिए कोयला मंत्रालय ने 10 थर्ड पार्टी एजेंसियों यानी टीपीए को सूचीबद्ध किया है, जो कोल इंडिया और उसकी अनुषंगी कोल कंपनियों में कोयले की गुणवत्ता की जांच करेंगी. सभी सूचीबद्ध एजेंसियां अगले दो साल तक कोयले की गुणवत्ता की जांच करेंगी. बता दें कि कोयला खरीदने व बेचने वाली कंपनियों के बीच गुणवत्ता को लेकर अक्सर विवाद होते रहा है. वर्तमान में कई मामले लंबित हैं.
ये एजेंसियां सूचीबद्ध :
टीसीआरक्यू क्वालिटी कंट्रोल्स एलएलपी, क्वालिटी सर्विसेज एंड सॉल्यूशन प्रालि, जियोचेम लेबोरेट्री प्राइवेट लिमिटेड, जियो कोल इंजीनियरिंग प्रालि, रवि एनर्जी प्रालि, मिनिरल्स लैब सर्विसेज प्रालि, क्वालिटेक लैब लिमिटेड, डॉ अमीन कंट्रोलर्स प्रालि, मित्रा एसके प्रालि व सुपरिटेंडेंस कंपनी ऑफ इंडिया प्राइवेट लिमिटेट आदि.एनएबीएल मान्यता प्राप्त लैब में होगी कोयले की जांच :
सूचीबद्ध एजेंसियां कोयले का सैंपल संग्रहण, एनालिसिस, डॉक्यूमेंटेशन व गुणवत्ता का आकलन करेंगी. एजेंसियों को लोडिंग प्वाइंट से सैंपल लेना होगा. एनएबीएल मान्यता प्राप्त लैब में गुणवत्ता की जांच करा कर एजेंसियां रिपोर्ट तैयार करेंगी. बता दें कि एनएबीएल (राष्ट्रीय परीक्षण और अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड) लैब वह मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला है, जिसे एनएबीएल द्वारा मान्यता प्राप्त है, जो भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग अंतर्गत एक स्वायत्त निकाय है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है