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Coal India: बोनस निर्धारण के पैटर्न में बदलाव की सुगबुगाहट

Coal IndiaDhanbad News: बताया जा रहा है कि स्वतंत्र निदेशकों के दबाव में प्रबंधन यह बदलाव करना चाहता है. निदेशक केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किये जाते हैं. कैग (सीएजी) भी बिना किसी स्पष्ट स्कीम के बोनस भुगतान पर लगातार आपत्ति जता रहा है.

कोल इंडिया और उसकी अनुषंगी कंपनियों के कर्मचारियों को दिये जाने वाले परफार्मेंस लिंक्ड रिवार्ड (पीएलआर) यानी बोनस के मौजूदा निर्धारण पैटर्न में बदलाव की सुगबुगाहट एक बार फिर तेज हो गयी है. जानकार बताते हैं कि कोल इंडिया इस वर्ष बोनस निर्धारण की परंपरा में बदलाव कर सकती है. 22 सितंबर को नयी दिल्ली में होने वाली जेबीसीसीआइ-11 की मानकीकरण समिति की बैठक में इसपर चर्चा संभव है. बताया जा रहा है कि स्वतंत्र निदेशकों के दबाव में प्रबंधन यह बदलाव करना चाहता है. निदेशक केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किये जाते हैं. कैग (सीएजी) भी बिना किसी स्पष्ट स्कीम के बोनस भुगतान पर लगातार आपत्ति जता रहा है. बता दें कि वित्त वर्ष 2024-25 में कोल इंडिया का कंसोलिडेट प्रॉफिट 37,369.13 करोड़ रुपये था, जो पिछले वर्ष से 5.53% कम है. हालांकि मुनाफा अब भी मजबूत है. इससे कोलकर्मियों को इस वर्ष बोनस एक लाख रुपये से अधिक मिलने की उम्मीद है. वर्ष 2024 में यह राशि 93,750 थी. सूचना के मुताबिक, पिछले वर्ष भी प्रबंधन ने बोनस फॉर्मूला बदलने की कोशिश की थी, लेकिन यूनियनों ने सिरे से खारिज कर दिया था. ऐसे में इस वर्ष की बैठक पर पूरे कोयला क्षेत्र की नजरें टिकी हैं.

कोल इंडिया मुख्यालय पर कर्मियों व पेंशनभोगियों का धरना, वेतन व पेंशन में संशोधन की मांग

कोल इंडिया के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर सोमवार को कोलकाता स्थित कंपनी मुख्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने पेंशन संशोधन, वेतन समानता और चिकित्सा लाभों में वृद्धि जैसे मुद्दों को उठाते हुए त्वरित समाधान की मांग की. यह प्रदर्शन ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ कोल एग्जिक्यूटिव्स (एआइएसीइ) और ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ कोल पेंशनर्स (एआइसीपीए) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था. दोनों संघों ने स्पष्ट किया कि उनकी मांगें लंबे समय से लंबित हैं. उन पर अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गयी है. प्रदर्शन के दौरान प्रतिभागियों ने कोयला मंत्रालय द्वारा हाल ही में की गयी पारदर्शिता और प्रशासनिक सुधारों की पहल की सराहना की, लेकिन यह भी दोहराया कि कर्मचारी और पेंशनभोगी कल्याण पर समय पर कार्रवाई औद्योगिक शांति व मनोबल बनाये रखने के लिए आवश्यक है. उन्होंने अपनी मांगों को लेकर कोल इंडिया के चेयरमैन पीएम प्रसाद को एक विस्तृत ज्ञापन भी सौंपा. इस ज्ञापन में उन्होंने मांगों को स्पष्ट रूप से रेखांकित करते हुए शीघ्र समाधान की अपील की है. वहीं संघों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रबंधन उनकी मांगों पर सकारात्मक पहल नहीं करता है, तो आंदोलन को और व्यापक स्तर पर ले जायेंगे.

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