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50 प्रतिशत ही हुई बिलिंग, राजस्व होगा प्रभावित : बिजली विभाग

इस बार भी बिजली विभाग को बहुत ज्यादा राजस्व नहीं मिलने वाला है. इसका सबसे बड़ा कारण है बिलिंग का नहीं होना है. ऊर्जा मित्रों ने धनबाद सर्किल में मात्र 50 प्रतिशत ही बिलिंग की है. विलंब से शुरू हुई बिलिंग के कारण ऐसा हुआ है. बिजली विभाग अब जुलाई माह में शत प्रतिशत बिलिंग करने में जुट गया है. आंकड़ों की बात करें तो शहर में मुकाबले ग्रामीण इलाकों में आधी बिलिंग की गयी है. शहर में 70 प्रतिशत के करीब बिलिंग हुई. वहीं ग्रीमण इलाको में यह आंकड़ा 45 प्रतिशत के करीब है. शहरी इलाके में बिजली विभाग के बड़े उपभोक्ता हैं. इस कारण विभाग का ज्यादा ध्यान यहीं पर रहा.

धनबाद : इस बार भी बिजली विभाग को बहुत ज्यादा राजस्व नहीं मिलने वाला है. इसका सबसे बड़ा कारण है बिलिंग का नहीं होना है. ऊर्जा मित्रों ने धनबाद सर्किल में मात्र 50 प्रतिशत ही बिलिंग की है. विलंब से शुरू हुई बिलिंग के कारण ऐसा हुआ है. बिजली विभाग अब जुलाई माह में शत प्रतिशत बिलिंग करने में जुट गया है. आंकड़ों की बात करें तो शहर में मुकाबले ग्रामीण इलाकों में आधी बिलिंग की गयी है. शहर में 70 प्रतिशत के करीब बिलिंग हुई. वहीं ग्रीमण इलाको में यह आंकड़ा 45 प्रतिशत के करीब है. शहरी इलाके में बिजली विभाग के बड़े उपभोक्ता हैं. इस कारण विभाग का ज्यादा ध्यान यहीं पर रहा.

तीन माह बाद मिला बिल : तीन माह के बाद उपभोक्ताओं के हाथों में बिल मिला है. इसका असर उपभोक्ताओं के जेब पर पड़ रहा है. उपभोक्ताओं को एकमुश्त तीन माह का बिल भुगतान करना पड़ रहा है. बिल भुगतान नहीं होने पर विभाग बचे हुए राशि पर चक्रवृद्धि ब्याज वसूलेगा. इसका असर जुलाई में मिलने वाले बिल पर दिखेगा. वहीं कई उपभोक्ता बिजली विभाग में पहुंच कर अपनी बिल को किश्त में जमा करने की बात कह रहे है. अधिकारी तैयार भी हो जाते है. लेकिन बचे हुए राशि पर उपभोक्ता को डीपीएस जार्च देना होगा.

17 जून से शुरू हुई थी बिलिंग

पांच मई को मुख्यालय ने बिलिंग शुरू कराने का आदेश दिया था. लेकिन ऊर्जा मित्रों ने वेतन नहीं मिलने के कारण काम करने से इनकार कर दिया था. वेतन भुगतान के बाद 17 जून के बाद बिलिंग शुरू की गयी. काम शुरू होने के बाद 30 जून तक बिलिंग हुई.

क्या है राजस्व की स्थिति

लॉकडाउन के बाद बिलिंग का काम ठप था. इसका परिणाम रहा कि मार्च में जहां 10 करोड़, अप्रैल में साढ़े छह करोड़ और मई में साढ़े पांच करोड़ रुपये ही राजस्व आया है. राजस्व पूरा नहीं आने का कारण ही बिजली विभाग डीवीसी को बकाया भुगतान नहीं कर रहा है.

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