पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के सोनारपुर के रामचंद्रपुर स्थित एक्सोडस फ्यूचरा नीट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में कार्यरत झारखंड के धनबाद की रहने वाली करीब 95 युवतियां कई दिनों से कारखाने के अंदर फंसी थीं. युवतियों के अनुसार, वहां वेतन को लेकर उक्त कारखाना प्रबंधन और स्थानीय कामगारों के बीच विवाद के कारण कारखाने के गेट में ताला जड़ दिया गया था. युवतियों के वहां फंसे होने की जानकारी मिलने के बाद मंगलवार को ‘प्रभात खबर’ में यह खबर प्रकाशित की गयी थी. इसी दिन सुबह कारखाने के गेट पर जड़ा ताला खोल दिया गया और वहां फंसी युवतियां अपने घर जाने के लिए रवाना हो पायीं.
विधायक अरूप चटर्जी का युवतियों ने किया धन्यवाद
इन युवतियों में शामिल गुड़िया कुमारी और अन्य ने फोन पर कहा कि वे अपने-अपने घर रवाना हो गयीं हैं. वे काफी खुश हैं. कारखाने में बेवजह फंसे होने से वे और उनके परिजन काफी परेशान थे. यही वजह है कि उन्होंने फोन पर वीडियो भेजकर अपने-अपने परिजनों को अपना हाल बताया था. इसके बाद ही झारखंड के निरसा के विधायक अरूप चटर्जी से संपर्क साधा गया. उन्होंने पूरी मदद का आश्वासन दिया था. इस दिन सुबह कारखाने से बाहर निकलने के बाद उन्होंने विधायक चटर्जी और मामले में हस्तक्षेप करने वाले तमाम लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया है.
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निरसा के पंचेत की रहने वाली हैं युवतियां
कारखाने में काम करने वाली झारखंड की युवतियां निरसा विधानसभा क्षेत्र के पंचेत के बेनागड़िया, पतलाबाड़ी, बांदा समेत अन्य गांवों की रहने वाली हैं. उनमें से कई एक वर्ष तो अन्य 6 महीने से कंपनी के लिए एक्सपोर्ट क्वालिटी कपड़े की सिलाई और डिजाइन का काम कर रहीं थीं. पिछले करीब 16 दिनों पहले से वहां काम ठप था. कामगार युवतियों ने यह भी बताया कि कंपनी के एचआर को घर जाने के लिए आवेदन भी दिया, लेकिन उन्हें उनकी सुरक्षा का हवाला देकर बाहर जाने नहीं दिया जा रहा था.
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