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डीपीइ का सर्वेक्षण : कोल इंडिया कमजोर बीसीसीएल और इसीएल पैदाइशी बीमार
एस कुमार नहीं टला है कोल इंडिया के पुनर्गठन का खतरा धनबाद : कोल सेक्टर में 100 प्रतिशत एफडीआइ की घोषणा के बाद कोल इंडिया के भविष्य पर खतरे के बादल गहराते जा रहे हैं. एफडीआइ के विरोध में पांच दिवसीय हड़ताल बीएमएस ने तीसरे दिन इस दावे के साथ वापस ले ली थी कि […]
एस कुमार
नहीं टला है कोल इंडिया के पुनर्गठन का खतरा
धनबाद : कोल सेक्टर में 100 प्रतिशत एफडीआइ की घोषणा के बाद कोल इंडिया के भविष्य पर खतरे के बादल गहराते जा रहे हैं. एफडीआइ के विरोध में पांच दिवसीय हड़ताल बीएमएस ने तीसरे दिन इस दावे के साथ वापस ले ली थी कि कोयला मंत्री ने ट्विट कर आश्वस्त किया है कि कोल इंडिया और सिंगरेनी में एफडीआइ नहीं होगा.
पर प्रभात खबर काे मिले दस्तावेज कुछ और ही बयां कर रहे हैं. दस्तावेज के मुताबिक कोल इंडिया एवं इसकी अनुषंगी इकाइयों की रिस्ट्रक्चरिंग (पुनर्गठन) की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. अभी कुछ समय पूर्व कोल इंडिया की अनुषंगी इकाई सीएमपीडीआइएल के कोल से डी-मर्जर की खबरों के बाद वहां के कर्मियों ने लगातार कई दिनों तक धरना-प्रदर्शन भी किया था. जानकारों की मानें, तो कोल इंडिया सरकार के रडार पर है.
डीपीइ की क्या है गाइडलाइन
भारी उद्योग एवं लोक उद्यम मंत्रालय के मंत्री अरविंद सावंत ने कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी को गत 13 अगस्त को एक पत्र लिखा. पत्र में लिखा है कि डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेज (डीपीइ) ने बीमार/कमजोर/ एवं स्थापना काल से बीमार पीएसयू के रिवाइवल एवं रिस्ट्रक्चरिंग के लिए एक गाइड लाइन जारी की है.
इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि प्रशासनिक मंत्रालय समय-समय पर उन उद्योगों की निगरानी एवं गहन समीक्षा करे, ताकि उन उद्योगों की कमजोरी/ बीमारी का प्रभावी ढंग से मुकाबला किया जा सके. हर वित्तीय वर्ष के अंत मे उनके प्रदर्शन का विश्लेषण कर यह आकलन करे कि कोई उद्योग बीमार/अक्षम बीमार/ कमजोर की श्रेणी में आता है या नहीं.
अगर कोई पीएसयू इन किसी भी श्रेणी में आता है, तो उपचारात्मक उपाय करे, एक उपयुक्त रोडमैप/एक्शन प्लान तैयार करे. ऐसा करने से पीएसयू को बीमार होने से बचाया जा सकेगा. डीपीइ ने पीएसयू से प्राप्त सूचनाओं एवं 2017-18 के पीएसयू सर्वेक्षण के आधार पर आपके मंत्रालय के बीमार/कमजोर/स्थापना काल से बीमार उद्योगों की सूची तैयार की है, जो आपको भेज रहा हूं. आप अपने मंत्रालय/विभाग से उपयुक्त समीक्षा करें. समीक्षा रिपोर्ट मुझे मेल से भेजी जाये.
कोयला मंत्रालय 31.3.2018 को स्थिति
1. बीसीसीएल स्थापना काल से बीमार
2. सीएमपडीआइएल कमजोर
3. कोल इंडिया कमजोर
4. इसीएल स्थापना काल से बीमार
5. सीसीएल कमजोर
6. एसइसीएल कमजोर
7. डब्ल्यूसीएल कमजोर
8. एमसीएल कमजोर
9. एनसीएल कमजोर
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