आउटसोर्सिंग को हड़ताल से मुक्त रखने का किया जा रहा है प्रयास
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यूनियनें हड़ताल पर अडिग एक्शन में कोल मंत्रालय
आउटसोर्सिंग को हड़ताल से मुक्त रखने का किया जा रहा है प्रयास धनबाद : कोल इंडिया एवं सिंगरेनी में हड़ताल का एलान करने वाले मजदूर संगठनों ने क्षेत्रीय श्रमायुक्त दिल्ली एवं कोल मंत्री के साथ वार्ता को ठुकराते हुए हड़ताल करने पर कटिबद्धता दिखायी. वहीं यूनियनों के इस अड़ियल रवैये से चिंतित कोल मंत्रालय आउटसोर्सिंग […]
धनबाद : कोल इंडिया एवं सिंगरेनी में हड़ताल का एलान करने वाले मजदूर संगठनों ने क्षेत्रीय श्रमायुक्त दिल्ली एवं कोल मंत्री के साथ वार्ता को ठुकराते हुए हड़ताल करने पर कटिबद्धता दिखायी. वहीं यूनियनों के इस अड़ियल रवैये से चिंतित कोल मंत्रालय आउटसोर्सिंग से हो रहे उत्पादन को हड़ताल से अछूत रखने के लिए प्रयास कर रहा है.
इस दिशा में शुक्रवार को कोल सचिव ने कोयला खदान वाले राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा है. इससे पूर्व कोल इंडिया के चेयरमैन एके झा ने भी एक अपील जारी कर सभी कोलकर्मियों एवं यूनियनों से हड़ताल वापस लेने की अपील की है.
क्या है कोल सचिव के पत्र में : कोल सचिव सुमंत चौधरी ने संबंधित राज्यों के मुख्य सचिव को लिखा है : “केंद्र सरकार ने 28 अगस्त को कोयला खनन में 100 प्रतिशत एफडीआइ की अनुमति देने की घोषणा की है. इसके विरोध में बीएमएस ने 23 से 27 तक पांच दिन एवं इंटक, एचएमएस, एटक, सीटू और एक्टू ने 24 सितंबर को हड़ताल करने का नोटिस दिया है. कोल इंडिया एवं सिंगरेनी कोल कंपनी में विभागीय कर्मचारियों एवं आंशिक रूप से आउटसोर्सिंग एंजेंसियों के माध्यम से खनन होता है. हड़ताल नोटिस विभागीय कर्मियों के लिए था, लेकिन अब आशंका है कि हड़ताल में आउटसोर्सिंग कर्मी भी शामिल हो सकते हैं.
अगर ठेका मजदूर काम करना भी चाहे तो उन्हें हड़ताली संगठनों द्वारा काम पर जाने से रोके जाने की आशंका है. इस समय देश की ऊर्जा की जरूरतों के लिए कोयले के उत्पादन को बनाये रखना जरूरी है. कोयला उत्पादन एवं इसके महत्व को देखते हुए अनुमान लगा सकते हैं कि कोयला उत्पादन में कोई भी रुकावट से कोयले की आपूर्ति प्रभावित होगी एवं राज्यों की बिजली उत्पादन गंभीर रुप से प्रभावित होगा. इसलिए उचित कार्रवाई करें.आप (राज्य के मुख्य सचिव) यह सुनश्चिति करें कि कोई अप्रिय घटना न हो, कोयले का उत्पादन एवं रेल से कोयले का प्रेषण जारी रहे, बाधित न हो.
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