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कोल अधिकारियों की अधिकतम पेंशन 45 हजार रुपये होगी!

सीएमपीएफ ट्रस्टी बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव का यूनियनों ने किया विरोध धनबाद : कोल अधिकारी जहां नयी पेंशन स्कीम को लेकर खुशी मना रहे हैं, वहीं मंत्रालय उनकी खुशियों पर ब्रेक लगाने के तैयारी में है. 26 मार्च को दिल्ली में हुई सीएमपीएफ ट्रस्टी बोर्ड की बैठक में इस बारे में एक प्रस्ताव पेश […]

सीएमपीएफ ट्रस्टी बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव का यूनियनों ने किया विरोध

धनबाद : कोल अधिकारी जहां नयी पेंशन स्कीम को लेकर खुशी मना रहे हैं, वहीं मंत्रालय उनकी खुशियों पर ब्रेक लगाने के तैयारी में है. 26 मार्च को दिल्ली में हुई सीएमपीएफ ट्रस्टी बोर्ड की बैठक में इस बारे में एक प्रस्ताव पेश किया गया है, जिसमें अधिकतम पेंशन पर सीलिंग तय करते हुए 45 हजार तय करने का प्रस्ताव था. हालांकि यूनियन प्रतिनिधियों ने इसका विरोध करते हुए एवं चुनाव आचार संहिता का हवाला देते हुए पारित नहीं होने दिया.

क्या है प्रस्ताव में: इस अधिसूचना के जारी होने के बाद अधिकतम पेंशन 45 हजार होगी. जिन्हें इससे अधिक मिल रहा है उसमें कोई बदलाव नहीं होगा. जानकारों के मुताबिक इस प्रस्ताव के पारित होने एवं अधिसूचना जारी होने के बाद 45 हजार से अधिक किसी को पेंशन नहीं मिलेगी. मान लीजिए आज अधिसूचना जारी हो जाती है और कोई 31 मार्च को रिटायर करता है, और उसकी पेंशन 71 हजार बनती है तो भी उसे 45 हजार ही पेंशन मिलेगी.

क्या है मामला : सीएमपीएफ ट्रस्टी बोर्ड की 169 बैठक में पेंशन फंड को सुदृढ़ करने के लिए कोल इंडिया डीपी की अध्यक्षता में एक संयुक्त कमेटी का गठन किया गया. कमेटी को पेंशन फंड को मजबूत करने के उपायों की सिफारिश करनी थी. इस कमेटी में कोल इंडिया प्रबंधन, ट्रेड यूनियन और सीएमपीएफ के प्रतिनिधि शामिल थे. इस कमेटी ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव सीएमपीएफ बोर्ड ऑफ ट्रस्टी से पारित करा कर भारत सरकार के वित्त मंत्रालय को यह कहकर भेजा था कि इस प्रस्ताव पर उसकी सहमति ले ली जायेगी. संयुक्त समिति की कई अनुशंसाओं में पेंशन की ऊपरी सीमा तय करने की भी अनुशंसा शामिल थी. समिति ने पेंशन की ऊपरी सीमा तय करने के बारे में सिफारिश की थी कि इस समिति की सिफारिशों को लागू करने के लिए जिस दिन नोटिफिकेशन निकाला जायेगा उस दिन कोल इंडिया में मिल रही सबसे ज्यादा पेंशन की रकम या 45000 में से जो भी ज्यादा होगी वही अधिकतम पेंशन की रकम या पेंशन की ऊपरी सीमा होगी. भरोसे मंद सूत्रों के मुताबिक इसके बाद वित्त मंत्रालय के निर्देश पर कोयला मंत्रालय ने अपना खेल शुरू किया.

ट्रस्टी बोर्ड में शामिल ट्रेड यूनियन प्रतिनिधियों को दरकिनार करते हुए एक उप समिति का गठन कर दिया, जिसे त्रिपक्षीय संयुक्त समिति की अनुसंशाओं को दुरुस्त करने की जिम्मेदारी दी गयी. इस उप समिति में जॉइंट सेक्रेटरी कोल, सीएमपीएफ कमिश्नर, डायरेक्टर फाइनांस (कोल इंडिया) और डायरेक्टर (कार्मिक) कोल इंडिया को शामिल किया गया. इस उप समिति ने पूर्व में त्रिपक्षीय समिति की सिफारिश में बदलाव करते हुए अधिकतम पेंशन की सीमा मात्र 45000 निर्धारित करने की सिफारिश की है.

गौर करने वाली बात यह है कि कोल इंडिया के डायरेक्टर (कार्मिक) ने संयुक्त त्रिपक्षीय समिति की सिफारिशों पर भी हस्ताक्षर किये थे और उन्होंने सरकार द्वारा गठित इस उप समिति की सिफारिशों पर भी हस्ताक्षर किया है. वे दोनों में शामिल थे. जानकारों का कहना है कि फिलहाल यह खतरा चुनाव तक टला है, समाप्त नहीं हुआ है.

बोले यूनियन लीडरविरोध होगा : रमेंद्र कुमार

ट्रस्टी बोर्ड सदस्य एवं एटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेंद्र कुमार ने कहा कि सरकार प्रस्ताव पारित कराने के लिए जल्दबाजी में है. 26 मार्च को तो पारित नहीं हुआ. चुनाव तक यह टला है. चुनाव के बाद इस प्रस्ताव के विरोध में आंदोलन होगा.

पेंशन कम करना चाहती है सरकार : रामनंदन

सीएमपीएफ ट्रस्टी बोर्ड के सदस्य एवं सीटू नेता डीडी रामानंदन ने कहा कि सरकार पेंशन फंड को मजबूत नहीं कर कोल कर्मियों / अधिकारियों की पेंशन कम करना चाहती है. यह संकट फिलहाल टला है खत्म नहीं हुआ है. सभी यूनियन, सभी कोलकर्मी एवं कोल अधिकारी एकजुट होकर विरोध करेंगे.

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