धनबाद : बाघमारा कोलियरियों में काम करनेवाले 50 से अधिक मजदूर सोमवार को डीसी ऑफिस पहुंचे. एडीएम (विधि-व्यवस्था) राकेश कुमार दुबे से अपनी व्यथा सुनायी. कहा कि विधायकजी को लोडिंग में रंगदारी चाहिए. हमलोग बेमौत मर रहे हैं. 19 नवंबर से लोडिंग बंद है. हम मजदूरों की स्थिति दयनीय हो गयी है. कुछ मजदूर यहां से पलायन कर गये हैं.
कुछ मरीज दवा के अभाव में दम तोड़ रहे हैं. हमलोगों को काम चाहिए. पिछले तीस साल से हमलोग यहां काम कर रहे हैं. जो जिला प्रशासन मजदूरी तय करेगा, हमलोगों को स्वीकार है. बैंक के माध्यम से ही हमलोग अपनी मजदूरी का पैसा लेंगे.
प्रशासन ने मजदूरों से पूछे सवाल : एडीएम राकेश कुमार दुबे ने एक-एक कर मजदूरों को बुलाया. उनका बयान दर्ज किया. मजदूरों से पूछा गया कि लोडिंग चार्ज कितना मिलता है. मजदूरों ने कहा कि प्रति टन 250 रुपया. दूसरा सवाल-कौन आपको लोडिंग का काम देता है? मजदूरों ने कहा कि विधायक के आदमी. तीसरा सवाल कितने दिन से काम कर रहे हैं? कोई तीस साल तो कोई 25 साल.
कैंसर व हार्ट पेसेंट को नहीं मिल रही दवा : कैंसर व हार्ट पेसेंट के कई मजदूर हैं. दो माह से काम ठप है. पैसे के अभाव में कैंसर पेसेंट शारदा देवी व हार्ट पेसेंट शिवराज रजक दवा नहीं खरीद पा रहे हैं. इसी तरह के कई और मजदूर हैं जो बीमार हैं लेकिन दवा नहीं खरीद पा रहे हैं.
आज हाइ पावर कमेटी तय करेगी मजदूरी
मंगलवार को हाइ पावर कमेटी की बैठक होगी. इसमें कोयला लोडिंग पर मजदूरी क्या होगी, इस पर निर्णय लिया जायेगा. केंद्र व राज्य श्रम आयोग की मजदूरी को लेकर कांटा अटका हुआ है. लिहाजा कल की बैठक में केंद्रीय श्रम विभाग के डिप्टी कमिश्नर को भी बुलाया गया है.
मैकेनिकल लोडिंग पर बीसीसीएल तैयार है. अब जहां मेनुअल लोडिंग हो रही है, वहां लोडिंग चार्ज क्या होगा. इस मुद्दे पर निर्णय लिया जायेगा. अगर मजदूरों को केंद्रीय श्रम के आधार पर लोडिंग तय होता है तो लगभग चार सौ रुपया प्रति टन की दर से लोडिंग चार्ज होगी. हालांकि कल की बैठक में ही स्थिति स्पष्ट हो पायेगी.