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विधायक संजीव के भाई सिद्धार्थ भाजपा विरोधी दल में होंगे शामिल

धनबाद/रांची : भाजपा के झरिया विधायक संजीव सिंह के अनुज सह जनता मजदूर संघ के संयुक्त महामंत्री सिद्धार्थ गौतम उर्फ मनीष सिंह भाजपा विरोधी दल का दामन थामेंगे. भाजपा में सिंह मैंशन की उपेक्षा व झरिया विधानसभा का विकास में बाधा उत्पन्न किये जाने से मनीष ने नये राजनीतिक दल में शामिल होने का मन […]

धनबाद/रांची : भाजपा के झरिया विधायक संजीव सिंह के अनुज सह जनता मजदूर संघ के संयुक्त महामंत्री सिद्धार्थ गौतम उर्फ मनीष सिंह भाजपा विरोधी दल का दामन थामेंगे. भाजपा में सिंह मैंशन की उपेक्षा व झरिया विधानसभा का विकास में बाधा उत्पन्न किये जाने से मनीष ने नये राजनीतिक दल में शामिल होने का मन बनाया है.छठ के बाद मनीष इसकी औपचारिक एलान करेंगे.
मैं किसी राजनीतिक दल में नहीं हूं : मनीष ने प्रभात खबर को बताया कि उनके भाई संजीव सिंह भाजपा विधायक हैं, मां कुंती देवी पूर्व विधायक हैं, दोनों भाजपा से जुड़े हुए हैं. वह किसी राजनीतिक दल में नहीं है. मजदूर संगठन की राजनीति करते हैं अब राजनीतिक दल में शामिल होकर अपनी अलग राजनीति करेंगे.
सिंह मैंशन का गढ माना जाता है झरिया िधानसभा क्षेत्र: झरिया से आरएसपी कॉलेज हटाने, झरिया विधानसभा क्षेत्र के अधिकांश भाग को अग्नि प्रभावित व भू धंसान क्षेत्र बता कर बेघर किया जा रहा है. सिंह मैंशन का गढ झरिया विधानसभा क्षेत्र माना जाता है. बीसीसीएल में सिंह मैंशन की मजदूर संगठन जनता मजदूर संघ का व्यापक प्रभाव है.
सूर्यदेव सिंह वर्ष 1977 से अजीवन 1991 तक झरिया के विधायक रहे. सूर्यदेव सिंह की मौत के बाद उपचुनाव व 1995 के चुनाव में राजद के आबो देवी ने समता पार्टी के उम्मीदवार सूर्यदेव सिंह के अनुज बच्चा सिंह को पराजित की थी. आबो देबी बिहार सरकार में मंत्री बनी थी. 2000 के विधानसभा चुनाव में समता पार्टी की टिकट पर बच्चा सिंह ने राजद के आबो देवी को हराया. अलग राज्य बनने के बाद झारखंड सरकार में बच्चा सिंह नगर विकास मंत्री बने.
जब कुंती देवी ने बेटे के लिए छोड़ दी राजनीति : पारिवारिक विवाद के कारण बच्चा सिंह को झरिया सीट 2005 के चुनाव में छोड़नी पड़ी. सूर्यदेव सिंह की पत्नी कुंती देवी भाजपा के टिकट पर झरिया से 2005 व 2009 में विधायक बनी. कुंती देवी ने अपने बेटे संजीव की ताजपोशी के लिए चुनावी राजनीति छोड़ दी. कुंती देवी के पुत्र संजीव सिंह 2014 में झरिया से भाजपा टिकट पर चुनाव लड़े और अपने चचेचे भाई कांग्रेस उम्मीदवार नीरज सिंह को 32 हजार से अधिक वोटों से पराजित किया था. नीरज सिंह को वर्ष 2017 की 21 मार्च को स्टील गेट पर गोलियों से भून दिया गया. नीरज समेेत चार लोगों की हत्या में संजीव सिंह भी 18 माह से धनबाद जेल में बंद है.
संजीव के जेल जाने के बाद भाजपा व सरकार ने सिंह मैंशन की उपेक्षा शुरु कर दी है. अनदेखी से मैंशन समर्थकों में आक्रोश देखा जा रहा है. भाजपा व सरकार के प्रति मैंशन समर्थक काफी गुस्से में हैं. वैसे संजीव की गैर मौजूदगी में उनकी मां कुंती देवी भाजपा में काफी सक्रिय रहती हैं. झरिया के मुद्दे पर वह दिल्ली में आला नेताओं के साथ रांची में मुख्यमंत्री रघुवर दास से कई बार मिल चुकी हैं.
संजीव अपने भाई को मनाने में जुटे : जेल में बंद भारतीय जनता पार्टी के विधायक संजीव सिंह चाहते हैं परिवार की तरह मनीष भाजपा में रहें. वह भाजपा के खिलाफ जाने से मनीष को रोकने में लगे हैं. वह नहीं चाहते हैं कि मनीष भाजपा विरोधी दल में शामिल हों. विधायक की ओर से मनीष को मनाने की कोशिश जारी है.

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