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धनबाद दलित उत्पीड़न मामला : आइआइटी आइएसएम के निदेशक किये गये डिमोट

धनबाद : दलित उत्पीड़न के मामले में आइआइटी आइएसएम के निदेशक प्रो राजीव शेखर के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए उनके मूल संस्थान आइआइटी कानपुर के बोर्ड ऑफ गवर्नेंस (बीओजी) ने उन्हें डिमोट कर दिया है. प्रो राजीव शेखर ने कहा कि उनके ऊपर निराधार आरोप लगाया गया है. लेकिन जब तक उनके पास बीओजी […]

धनबाद : दलित उत्पीड़न के मामले में आइआइटी आइएसएम के निदेशक प्रो राजीव शेखर के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए उनके मूल संस्थान आइआइटी कानपुर के बोर्ड ऑफ गवर्नेंस (बीओजी) ने उन्हें डिमोट कर दिया है.
प्रो राजीव शेखर ने कहा कि उनके ऊपर निराधार आरोप लगाया गया है. लेकिन जब तक उनके पास बीओजी के फैसले की प्रति नहीं आ जाती है, वे कुछ भी नहीं कहेंगे. लेकिन आइआइटी आइएसएम प्रबंधन से जुड़े वरीय अधिकारी ने इस कार्रवाई की पुष्टि की है.
आइआइटी कानपुर की बीओजी की 17 अक्तूबर को हुई बैठक में प्रो राजीव शेखर और आइआइटी कानपुर के दो अन्य शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई का निर्णय लिया गया है. तीनों शिक्षकों को सर्विस रूल्स के उल्लंघन करने का दोषी पाया गया है.
क्या है मामला : आइआइटी कानपुर के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग के एससी एसिस्टेंट प्रो डॉ सुब्रमण्यम सडरेला ने दलित उत्पीड़न की शिकायत की थी
इसी वर्ष जनवरी में एयरोस्पेस विभाग में संस्थान के रिसर्च स्कॉलर डॉ सडरेला की विभाग में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्ति हुई थी.
तब संस्थान में मेटलर्जी इंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर रहते हुए प्रो राजीव शेखर, प्रो सीएस उपाध्याय और प्रो संजय मित्तल ने उनकी योग्यता पर सवाल उठाते हुए संस्थान में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल खड़ा किया था, जिस पर डॉ सडरेला ने इन तीन शिक्षकों के साथ करीब 10 शिक्षकों के खिलाफ दलित उत्पीड़न की शिकायत नेशनल एससी/एसटी कमीशन में दर्ज करवायी थी. कमीशन ने इन शिक्षकों के खिलाफ प्राथमिकी का आदेश दे रखा है. हालांकि अभी तक आइआइटी कानपुर प्रबंधन ने प्राथमिकी दर्ज नहीं करायी है. लेकिन इस बीच 12 मार्च 2018 को प्रो राजीव शेखर आइआइटी आइएसएम के निदेशक बना दिये गये.
जांच कमेटी ने बताया दोषी
मामले की गंभीरता को देखते हुए आइआइटी कानपुर की बीओजी (बोर्ड ऑफ गवर्नेंस) ने जांच सेवानिवृत्त जज को सौंपी. इस जांच में तीनोें प्रोफेसरों को दोषी बताया गया. इसी मामले को लेकर एससी/एसटी कमीशन भी कई बार संस्थान के निदेशक को तलब कर चुका है.
रिटायर होने से पहले चेयरमैन ने लिया फैसला
बताया जा रहा है कि आइआइटी कानपुर के चेयरमैन आरसी भार्गव की अध्यक्षता में बैठक हुई. चेयरमैन का कार्यकाल 18 अक्तूबर को समाप्त हो रहा था. उनकी अध्यक्षता में हुई बीओजी की अंतिम बैठक में यह निर्णय लिया गया. हालांकि इससे पहले इस मुद्दे पर बीओजी अपनी कई बैठकों में निर्णय पर नहीं पहुंच सका था.
खतरे में निदेशक का पद
आइआइटी कानपुर की बीओजी के निर्णय से प्रो राजीव शेखर की आइआइटी आइएसएम के निदेशक का पद खतरे में है. अगर कार्रवाई होती है, तो प्रो शेखर की योग्यता इस पद के अनुरूप नहीं रह जायेगी. ऐसे में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय उन्हें उनके पद से हटा सकता है.

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