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धनबाद जिले में कोयला तस्करी के सारे रिकॉर्ड टूटे

अनुराग कश्यप धनबाद : धनबाद जिले की चारों दिशाओं में एक साथ कोयला का अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है. एक अनुमान के मुताबिक जिले के विभन्नि हिस्साें से प्रतिदिन करीब 10 करोड़ रुपये के अवैध कोयले का कारोबार हो रहा है. झरिया, केंदुआ, बाघमारा से लेकर बरवाअड्डा, गोविंदपुर और निरसा तक धड़ल्ले से […]

अनुराग कश्यप
धनबाद : धनबाद जिले की चारों दिशाओं में एक साथ कोयला का अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है. एक अनुमान के मुताबिक जिले के विभन्नि हिस्साें से प्रतिदिन करीब 10 करोड़ रुपये के अवैध कोयले का कारोबार हो रहा है.
झरिया, केंदुआ, बाघमारा से लेकर बरवाअड्डा, गोविंदपुर और निरसा तक धड़ल्ले से जारी कोयला के अवैध धंधे में कई राजनेताओं, उनके रिश्तदारों, उनके समर्थकों आैर अफसराें की एक बड़ी जमात शामिल है. बीसीसीएल के विभिन्न कोलियरी क्षेत्रों के कुछ कोयला अधिकारियों की भी इस काले धंधे में संलप्तिता है.
बाघमारा कोयलांचल, बीसीसीएल के बाघमारा कोयलांचल में तो मानो कोयला की लूट की पूरी छूट मिल चुकी है. गजलीटांड़, मुराईडीह, सोनारडीह, तेतुलमारी, शताब्दी परियोजना क्षेत्रों समेत आस-पास के सभी इलाकों में डंके की चोट पर कोयला कारोबार चल रहा है.
खास बात यह कि यहां एक नंबर के पेपर पर प्रतिदिन 50-60 हाइवा कोयला लोड होकर निकलता है. इन हाइवा पर लोड कोयला निर्धारित गंतव्य के बजाय सीधे दुगड़ा (पुरुलिया, पश्चिम बंगाल) में जाकर गिराया जाता है. फिर नगद पैसे लेकर वापस लौटते हैं और अपने आकाओं को पैसा थमाते हैं.
फिर ये सभी ड्राइवर उसी एक नंबर के कागज पर पुन: कोलियरियों के लोडिंग प्वाइंट पर जाकर कोयला लोड करा कर निकलते हैं और गंतव्य पर जाकर कोयला गिराते हैं. यानी एक हाइवा एक ही कागज पर दो बार कोयला ढाेता है. पहला ट्रिप अवैध धंधे के लिए और दूसरा ट्रिप निर्धारित डंपिंग प्वाइंट के लिए.
बरवाअड्डा सबसे बड़ा अड्डा : हर किसी के संरक्षण में कोयले का अवैध कारोबार बरवाअड्डा थाना क्षेत्र के लिए कोई नयी बात नहीं है. झामुमो की सरकार में डंके की चोट पर कोयला का अवैध कारोबार होता रहा. इधर, पिछले दो वर्षों से बरवाअड्डा थाना क्षेत्र कोयला के अवैध धंधा का सबसे बड़ा अड्डा बन गया है.
लोहार बरवा के एक हार्डकोक भट्ठा में रात के अंधेरे में जम कर कोयला की हेराफेरी का खेल चल रहा है. इसमें एक भाजपा नेता के परिजन शामिल हैं.
स्थानीय ग्रामीणों द्वारा इसकी सूचना पुलिस को देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. कुसुंडा, तेतुलमारी, गोधर, गोंदूडीह, कतरास स्थित बीसीसीएल की खनन परियोजनाओं से चोरी का कोयला से 1000 से अधिक साइकिलों पर लोड कर यहां लाया जाता है. इसके अलावा 407, टेंपाे, मोटरसाइकिल, स्कूटर पर भी कोयला लोड होकर आता है. सिजुआ शक्ति चौक, भूली बस्ती, गोंदूडीह के धौड़ों से रोज लोडेड साइकिलें आती हैं.
हर क्षेत्र की पुलिस देखती है, पर कोई कुछ नहीं कर सकता. कई दिन भूली बस्ती में हाइवा लगा कर वहीं साइकिलों का कोयला लोड कर लिया जाता है. जानने वालों का कहना है कि ऐसी कोयला चोरी कभी नहीं देखने को मिली.
बताते हैं कि बीसीसीएल के एरिया छह की गोंदूडीह व इस्ट बसुरिया कोलियरी-परियोजना, एरिया तीन व चार सिजुआ व गोविंदपुर क्षेत्रों की विभन्नि परियोजनाओं से चोरी का कोयला साइकिल के माध्यम से हर रोज लोहार बरवा मंडल टोला लाया जाता है. यहां कोयला जमा करने के बाद के रात के अंधेरे में ही ट्रक से उसे मंडियों में भेज दिया जाता है.
जीटी रोड से महज सौ-डेढ़ सौ मीटर दूरी रहने के कारण ट्रक से माल डिस्पैच करने में कोई दिक्कत नहीं होती है. लोकल या जीटी रोड पर पड़ने वाले थानों की पुलिस के बूते की बात नहीं है कि वह उन ट्रकों को रोकने की हिमाकत करे. यह खेल रात लगभग 10 बजे से शुरू हो जाता है और पौ फटने से पहले खत्म हो जाता है.
खास बातें
1. बीसीसीएल की राजापुर आउटसोर्सिंग समेत विभिन्न खनन परियोजनाओं से कोयला ले जा रहे हाइवा व ट्रकों को झरिया के सिंह नगर से शिमलाबहाल के बीच रोक कर कोयला उतार लिया जा रहा है. चोरी का यह कोयला एक जगह जमा किया जाता है. फिर बाहर भेजा जाता है. इस काम को एक विधायक के करीबी जी सिंह अंजाम दे रहे हैं.
2. धनबाद जिले के निरसा से लेकर गोविंदपुर तक अधिकांश सॉफ्ट कोक और कई हार्डकोक भट्ठों में दिन भर चोरी का कोयला खपाया जाता है.
पतिकडीह स्थित एक ईंट भट्ठा से हर रोज करीब 30 गाड़ी चोरी का कोयला निकल रहा है. -श्यामपुर इलाके में एम खान, दुमदुमी इलाके में एम अंसारी, दुमदुमी इलाके में पी तिवारी आदि डंके की चोट पर कोयला तस्करी में जुटे हुए हैं.
…और एमपीएल का कोयला भट्ठों में पहुंचाने का मामला ठंडे बस्ते में
बीसीसीएल की आउटसोर्सिंग परियोजनाओं का कोयला और कोलियरियों से एमपीएल को जानेवाली कोयला लदी गाड़ियां जीटी रोड के कोल डिपो व भट्ठों में गिराने का मामला भी ठंडे बस्ते में चला गया. कोयला के इस गोरखधंधे में शामिल बड़ी मछलियों के खिलाफ पुलिस ने क्या कार्रवाई की, यह पता नहीं चल पाया.
मालूम हो कि 25 मई, 2017 की रात नौ बजे और मध्य रात्रि दो बजे के बाद तत्कालीन सिटी एसपी अंशुमान कुमार व ग्रामीण एसपी एचपी जनार्दनन के नेतृत्व में छापामारी में कोयला के इस गोरखधंधे का खुलासा हुआ था.
इस बहुचर्चित अवैध कोल कारोबार में एक बड़ा सिडिंकेट काम कर रहा था. आइपीएस अधिकारी ने खुद छापामारी की. छापामारी दल से गोविंदपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी.

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