वरीय संवाददाता, देवघर : जसीडीह-चकाई मुख्य पथ पर स्थित डिगरिया पहाड़ के पास रविवार की रात पुलिस ने एक अधेड़ व्यक्ति का शव बरामद किया था, जिसकी पहचान बिहार के जमुई जिले के चंद्रमंडीह निवासी नंदकिशोर दास (40 वर्ष) के रूप में हुई. वे पिछले 15 वर्षों से देवघर के बरमसिया साकेत विहार मुहल्ले में अपने परिवार के साथ रह रहे थे. परिजनों ने उनकी मौत को सुनियोजित हत्या बताया है और पुलिस से मामले की गहरायी से जांच की मांग की है. मृतक के भाई राजबली दास ने बैद्यनाथधाम ओपी में दर्ज बयान में बताया कि नंदकिशोर चंद्रमंडीह स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय में शिक्षक थे और रोजाना देवघर से विद्यालय आना-जाना करते थे. 25 मई की शाम करीब 7:00 बजे वे टावर चौक से आने की बात कहकर पैदल घर से निकले थे, लेकिन रात 10 बजे तक घर नहीं लौटे. जब उनके बेटे शैलेश ने कॉल किया, तो मोबाइल स्वीच ऑफ मिला, जिससे परिवार चिंतित हो गया. खोजबीन के दौरान मोबाइल का लोकेशन डिगरिया पहाड़ के पास मिला. जब परिवार वहां पहुंचा तो उन्हें जसीडीह पुलिस मिली, जिसने बताया कि घायल अवस्था में एक व्यक्ति को सदर अस्पताल भेजा गया है. अस्पताल पहुंचने पर नंदकिशोर को मृत पाया गया. उनके सिर पर गंभीर चोट थी, जिससे हत्या की आशंका और गहरी हो गयी. नंदकिशोर की पत्नी कविता देवी इस समय अपनी पुत्री सपना के साथ मध्य प्रदेश में बीएड की परीक्षा दिलाने गयी हुई हैं. घर पर उनका पुत्र शैलेश व दामाद अजय कुमार दास मौजूद थे. राजबली दास ने बताया कि नंदकिशोर मिलनसार और सीधे स्वभाव के थे, किसी से उनकी कोई दुश्मनी नहीं थी. बावजूद उनकी हत्या ने कई सवाल खड़े कर दिये हैं. सदर अस्पताल में बैद्यनाथधाम ओपी की पुलिस ने शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम कराया और शव परिजनों को सौंप दिया. समाचार लिखे जाने तक जसीडीह थाना में अज्ञात के खिलाफ हत्या की प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया जारी है. पुलिस मामले की जांच में जुट गयी है. हाइलाइट्स मृतक की पहचान बिहार के जमुई जिले के चंद्रमंडीह निवासी नंदकिशोर दास के रूप में हुई, गांव के उत्क्रमित मध्य विद्यालय में थे शिक्षक परिजनों ने जतायी साजिश के तहत हत्या की आशंका, पुलिस में दर्ज कराया बयान
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