Swami Kailashanand Giri | देवघर, संजीव मिश्रा: महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी आज शनिवार को एक बार फिर देवघर स्थित बाबा धाम पहुंचे. यहां प्रशासनिक भवन में 11 पंडितों ने उन्हें विधि-विधान गौरी गणेश की पूजा करवाई. इसके बाद महामंडलेश्वर को उनके पुश्तैनी पुरोहित चमरू पालीवार के वंशज ने संकल्प कराया. इससे पूर्व शुक्रवार को कैलाशानंद गिरी पुरोहित सभा के महा मंत्री निर्मल झा मंटू के साथ जंगल में बेलपत्र तोड़ने गए थे. उन्होंने अपने हाथ से तोड़े गये बेलपत्र को बाबा पर अर्पित किये. इस दौरान महामंडलेश्वर ने बेलपत्र पर चंदन से राम नाम भी लिखा.
गुरुवार को भी मंदिर पहुंचे थे महामंडलेश्वर

बता दें कि गुरुवार को भी महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी ने बैद्यनाथ धाम में पूजा-अर्चना की थी. मंदिर के 22 पंडितों ने मंत्रोच्चारण कर स्वामी कैलाशानंद गिरी को विधि-विधान पूर्वक पूजा करवाई. इस दौरान मंदिर परिसर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये थे.
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कौन हैं स्वामी कैलाशानंद गिरी?

महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी निरंजनी अखाड़ा के पीठाधीश्वर हैं. संतों में शंकराचार्य का पद सबसे बड़ा होता है. इन्हें संतों का सबसे बड़ा चेहरा माना जाता है. शंकराचार्य के बाद सभी 13 अखाड़ों के अपने-अपने आचार्य महामंडलेश्वर होते हैं. स्वामी कैलाशानंद साल 2021 में निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर बने. इससे पहले वे अग्नि अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर पद पर आसीन थे. कई बड़ी हस्तियां भी स्वामी कैलाशानंद गिरी के भक्त हैं.
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