सारठ. समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है. इसके तहत प्रशस्त एप का उपयोग करके दिव्यांगता से संबंधित बच्चों की स्क्रीनिंग करनी होगी. बच्चों का शैक्षिक एवं व्यावहारिक गतिविधियों का मूल्यांकन किया जाना है. स्कूल स्तर से सभी बच्चों का स्क्रीनिंग के लिए प्रशस्त एप का उपयोग करना है. नये गाइडलाइन के तहत 21 तरह के दिव्यांगता के लक्षणों की जांच करनी है. विद्यालय में नामांकित प्रत्येक बच्चों की स्क्रीनिंग जरूरी है. अगर जांच में किसी तरह की दिव्यांगता का लक्षण दिखाई देता है तो इसकी सूची तैयार कर संबंधित रिसोर्स शिक्षक को देना होगा. विभागीय अधिकारियों के बार बार निर्देश के बावजूद प्रखंड के 70 विद्यालयों द्वारा प्रशस्त एप पर रजिस्ट्रेशन नहीं किया गया है. इस बाबत बीइइओ अमिताभ झा ने बताया कि कुछ बच्चों में ऐसी दिव्यांगता होती है, जिसे सामान्य रूप से पहचान पाना मुश्किल है. प्रशस्त एप में ऐसे इंडिकेटर दिए गए हैं, जिसके माध्यम से हम बच्चों के दिव्यांगता का समय पर पता करते हुए उचित इलाज किया जा सकता है. जहां बच्चों को हर दिन एमडीएम, सोमवार एवं शुक्रवार को अंडा या फल दिया जा रहा. वहीं प्रत्येक सप्ताह बच्चों को फोलिक एसिड की गोली भी दी जाती है, इसके पीछे एक ही उद्देश्य है कि स्वस्थ जीवनशैली की तरफ बच्चों को प्रेरित किया जा सके, अभी भी 70 विद्यालयों द्वारा प्रशस्त एप पर रजिस्ट्रेशन नहीं किया गया है. सभी प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया गया है कि जल्द से जल्द रजिस्ट्रेशन करें, अगर कहीं तकनीकी कारणों से समस्या हो रही है तो रिसोर्स शिक्षक व सीआरपी से सहयोग लें, प्रशस्त एप प्ले स्टोर से डाउनलोड कर विद्यालय के यूडायस कोड का उपयोग करते हुए रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है.
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