प्रतिनिधि, जसीडीह : जसीडीह के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में चैती दुर्गा पूजा पूरे विधि-विधान से की जा रही है. शुक्रवार को महासप्तमी के दिन मां की प्रतिमा वेदी पर विराजमान की गयी तथा मां कालरात्रि की पूजा की गयी. वहीं पट खुलते ही मां के दर्शन के लिए मंदिरों में भक्त पहुंचने लगे. मंदिरों में आचार्य व पुरोहित द्वारा विधि-विधान पूर्वक पूजा की गयी. रोहिणी स्थित दुर्गा मंदिर में चैती दुर्गा पूजा धूमधाम से की जा रही है. शुक्रवार को पूजा-अर्चना के लिए मंदिरों में भक्तो की भीड़ उमड़ पड़ी. रोहिणी में मां दुर्गा की पूजा तांत्रिक विधि से की जाती है. इस मंदिर में करीब 100 वर्षों से चैती दुर्गा पूजा हो रही है. आचार्य उपेन्द्र पांडे व पुजारी भास्कर पांडे ने मां दुर्गा की पूजा की. इस दौरान दीप रक्षक जागेश्वर पांडे ने बताया कि रोहिणी में रोहिणी स्टेट के जमींदार परिवार के पूर्वजों के समय से पूजा हो रही है. वर्तमान में संजीव देव व चिरंजीव देव पूजा का आयोजन कर रहे हैं. यहां स्थापित माता की प्रतिमा में कार्तिक व गणेश भगवान का स्थान परिवर्तन कर रखा जाता है. मान्यता है कि मां भक्तों की मनोकामना पूरी करती हैं. जसीडीह के सगदाहा सहित अन्य स्थानों में मां दुर्गा की पूजा-अर्चना के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी. पूजा को लेकर सभी मंदिरों की भव्य सजावट की गयी है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है