प्रतिनिधि, देवीपुर. प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत रामूडीह गांव में 50 बेड वाले बालिका छात्रावास का विशाल भवन बेकार पड़ा है. इस भवन का निर्माण कल्याण विभाग के द्वारा कराया गया. विभाग की ओर से 2020 में ही भवन को हैंडओवर कर दिया गया है. लेकिन पांच वर्ष बीत जाने के बाद भी छात्रावास की शुरुआत नहीं हो पायी है, जिस कारण छात्रावास बेकार पड़ा है. वहीं इस संबंध में जानकारी लेने पर पता चला कि चालू कराने की दिशा में विभागीय पहल भी नहीं की गयी है.
समय बीतने के साथ ही भवन के खिड़की, दरवाजे क्षतिग्रस्त हो गये हैं. भवन के चारों तरफ झाड़ियां भी उग आयीं हैं. अगर समय रहते इसे चालू नहीं किया गया तो करोड़ों की लागत से बना छात्रावास खंडहर में तब्दील हो जायेंगे. इसे लेकर देवघर उपायुक्त ने इसे गंभीरता से लिया है. विदित हो कि उपायुक्त विशाल सागर ने उक्त भवन में केंद्रीय विद्यालय खोलने को लेकर मार्च में निरीक्षण भी किया था. निरीक्षण के दौरान देवीपुर बीडीओ विजय राजेश बारला, सीओ खेपलाल राम, बीपीओ वीणा हेलेन टुडू, रामूडीह उत्क्रमित उच्च विद्यालय प्रधानाध्यापक सुभाष मौजूद थे. उपायुक्त के निरीक्षण के बाद लोगों में उम्मीद जागी है कि जल्द ही विद्यालय की शुरुआत होगी.विद्यार्थियों को मिलेगा अवसर
देवीपुर प्रखंड क्षेत्र के निवासी जो अपने बच्चों को अच्छे स्कूलों में पढ़ाने के लिये अक्सर अन्य शहरों का रुख करते हैं. अब उन्हें यह समस्या हल होती नजर आ रही है. देवीपुर में केंद्रीय विद्यालय खुलने से सिर्फ शिक्षा क्षेत्र में ही नहीं बल्कि आर्थिक दृष्टिकोण से भी लाभ होगा, जिसमें बच्चों को अत्याधुनिक कक्षाएं, लाइब्रेरी, कंप्यूटर, लैब सहित अन्य सुविधाएं मिलेंगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है