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देवघर : बैद्यनाथ संस्कृत पुस्तकालय के स्कॉलर के साथ पांडुलिपि पर चर्चा
देवघर : निदेशक राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन सह इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र प्रताप आनंद झा व टीम ने बैद्यनाथ संस्कृत पुस्तकालय में स्कॉलर के साथ बैठक की. पांडुलिपियों पर चर्चा करते हुए आग्रह किया गया प्रतिवर्ष बैठक में बड़े-बड़े स्कॉलर को बुलायें. ताकि वे यहां के पांडुलिपियों के बारे में जान सके. निदेशक ने कहा […]
देवघर : निदेशक राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन सह इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र प्रताप आनंद झा व टीम ने बैद्यनाथ संस्कृत पुस्तकालय में स्कॉलर के साथ बैठक की. पांडुलिपियों पर चर्चा करते हुए आग्रह किया गया प्रतिवर्ष बैठक में बड़े-बड़े स्कॉलर को बुलायें.
ताकि वे यहां के पांडुलिपियों के बारे में जान सके. निदेशक ने कहा कि तीन पांडुलिपि (मेन स्क्रीप्ट) को अभी लेकर जा रहे हैं. उसे कंजर्व करेंगे. अप्रैल में इसे वापस लौटा दिया जायेगा. फिर लोगों को बता पायेंगे कि पांडुलिपि को किस कंडिशन में लेकर गये थे. कैसे लौटा रहा हूं. नेशनल आॅरकाइ कंजर्व के लिए फंड देता है.
ताकि वे अपने पांडुलिपियों को कंजर्व कर सके. मार्च में देवघर के फॉर्म लिस्ट के लड़के को प्रशिक्षण के लिए बुलाया गया है. प्रशिक्षण के दौरान उन्हें बताया जायेगा कि कैसे पांडुलिपियों को कंजर्व किया जाता है. देवघर में अगर ज्यादा पांडुलिपि मिला तो उसे कंजर्व करने की जरुरत होगी. इसके लिए बैद्यनाथधाम में कंजर्व सेंटर बनायेंगे.
ताकि संस्थागत के अलावा यदि किसी व्यक्ति के पास भी पुस्तक या पुराने पांडुलिपि हैं, तो वो अपनी पुस्तकों को डिजिटाइज करवा कर वापस कंजर्व कर सकेंगे. अोल्ड स्क्रिप्ट को डॉक्यूमेंटेशन के बाद उसे पब्लिक डोमेन में रखा जायेगा. जहां अोल्ड स्क्रिप्ट पढ़ने वाले पाठक तक पांडुलिपियों को पहुंचाया जायेगा. लोग इंटरनेट पर जाकर पढ़ तो सकेंगे. मगर उसकी कॉपी नहीं कर सकेंगे. कोई भी प्रकाशक यदि उसे प्रकाशित करना चाहे तो उन्हें मुख्य आर्थर (लेखक) के पास जाना होगा.
हर आंख में जल रही आक्रोश की
पुलवामा में आतंकी घटना ने पूरे देशवासियाें को झकझोर कर रख दिया है. हर जगह इस घटना की भर्त्सना हो रही है. जगह-जगह शहीद जवानों की याद में गम का माहौल है. लोगों का गुस्सा अपने परवान पर है. हर तरफ पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ नारेबजी व आतंवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग हो रही है. देवघर में भी कई संस्थाओं व संगठनों ने कैंडल मार्च निकालकर व मौन रखकर जवानों की शहादत को याद किया. सरकार से जवानों की शहादत का बदला लेने की मांग की जा रही है.
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