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अपहृत व्यवसायी ओंकारमल हुए मुक्त

साहिबगंज/राजमहल: तीन दिन बाद अपहृत दिल्ली के व्यवसायी ओंकारमल अग्रवाल को पुलिस ने सकुशल बरामद कर लिया है. बरहेट थानांतर्गत गोरंडा गांव निवासी वीरेन के घर छापेमारी कर पुलिस ने ओंकारमल को मुक्त कराया. यहां से पुलिस ने कोकराझाड़ा, असम निवासी सोम मुमरू को एक लोडेड देसी पिस्तौल व चार जिंदा कारतूस के साथ गिरफ्तार […]

साहिबगंज/राजमहल: तीन दिन बाद अपहृत दिल्ली के व्यवसायी ओंकारमल अग्रवाल को पुलिस ने सकुशल बरामद कर लिया है. बरहेट थानांतर्गत गोरंडा गांव निवासी वीरेन के घर छापेमारी कर पुलिस ने ओंकारमल को मुक्त कराया.

यहां से पुलिस ने कोकराझाड़ा, असम निवासी सोम मुमरू को एक लोडेड देसी पिस्तौल व चार जिंदा कारतूस के साथ गिरफ्तार किया है. इससे पहले गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने शाम करीब पांच बजे सामएल को गिरफ्तार किया. इसी की निशानदेही पर गोड्डा सह साहिबगंज के प्रभारी एसपी अजय लिंडा के नेतृत्व में पुलिस की टीम ने गोरंडा गांव में छापेमारी की. शाम करीब छह बजे एक कोठरी में बंद ओंकारमल को मुक्त कराया. व्यवसाय के बहाने दिल्ली से बुलाया गया था ओंकारमल को गिरफ्तारी के बाद पुलिस की टीम व्यवसायी ओंकारमल को लेकर साहिबगंज चली गयी. यहां आइजी उमेश प्रसाद सिंह ने बताया कि फिरौती के लिए व्यवसायी का अपहरण किया गया. व्यवसायी करने के सिलसिले में ओंकारमल को दिल्ली से साहिबगंज बुलाया गया था. यहां पहुंचने पर अपहर्ताओं ने साहिबगंज स्टेशन से इनका अपहरण कर लिया. इस मामले में कोकराझाड़ निवासी सोम मुमरू की भूमिका अहम है.

कोठरी में छिपा कर रखा गया था ओंकारमल को : अपहरण के बाद व्यवसायी ओंकारमल अग्रवाल को गोरंडा गांव में वीरेन के घर पर एक कोठरी में छिपाकर कर रखा गया था. बताया जाता है कि इनके साथ मारपीट भी की जाती थी. मुक्त होने के बाद साहिबगंज में डॉ बीके झा इनका इलाज कर रहे हैं. भयभीत होने के कारण अभी ओंकारमल कुछ भी बता नहीं पा रहे हैं.

विदित हो कि मंगलवार की सुबह करीब चार बजे साहिबगंज स्टेशन से ओंकारमल का अपहरण कर लिया गया था. इसके बाद इनके परिजन साहिबगंज पहुंचे तथा थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इनके बरामदगी के लिए तीन दिनों से आइजी उमेश प्रसाद सिंह, डीआइजी प्रिया दुबे, सीआइडी एसपी मयूर पटेल, एसपी गोड्डा साहिबगंज में कैंप किये हुए थे.

तीन करोड़ की मांगी गयी थी फिरौती : डीजीपी
अपहरणकर्ताओं ने श्री अग्रवाल के परिजनों से तीन करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी. डीजीपी राजीव कुमार ने इसकी पुष्टि की है.बताया जाता है कि अपहरण में झारखंड व पश्चिम बंगाल से जारी मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया गया था. डीजीपी के अनुसार, किसी अपराधी ने हेमलाल मुमरू का पीए राकेश बन कर कर श्री अग्रवाल को साहेबगंज बुलाया था. इसके बाद स्टेशन के बाहर से ही उनका अपहरण कर लिया गया. राकेश से पहले खुद को अशोक मित्तल बताकर किसी अपराधी ने फरक्का से श्री अग्रवाल को फोन किया था. डीजीपी के मुताबिक गिरफ्तार दोनों अपराधियों से पूछताछ की जा रही है. घटना में शामिल अन्य अपराधियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जायेगा. पूरे मामले में उदभेदन में दुमका जोन के आइजी उमेश सिंह, डीआइजी प्रिया दुबे, गोड्डा एसपी अजय लिंडा और सीआइडी एसपी मयूर कन्हैया लाल का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. एडीजी स्पेशल ब्रांच रेजी डुंगडुंग, एडीजी सीआइडी एसएन प्रधान, आइजी प्रोविजन अनुराग गुप्ता और स्पेशल ब्रांच के एसपी ए विजया लक्ष्मी ने लगातार मेहनत की. संवाददाता सम्मेलन में एडीजी सीआइडी एसएन प्रधान और एसपी ए विजयालक्ष्मी उपस्थित थे.

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