मधुपुर: अपराधी कोल्हा यादव को पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच थाना से बाजार होते हुए डाकबंगला के निकट स्थित अनुमंडल व्यवहार न्यायालय भेजा. लोग उसे पहचानें इसलिए थाना से भारी सुरक्षा के बीच गांधी चौक, हटिया रोड, डालमिया कूप, एसआर डालमिया रोड होते हुए पैदल ही अदालत ले जाया गया. कोल्हा के साथ उसका सहयोगी मिहिजाम का किशन तुरी भी भेजा गया. लंबे समय तक पुलिस के लिए सिरदर्द साबित हो रहे कोल्हा पर मधुपुर थाना में 23 के अलावा अलग अलग थानों में तकरीबन तीन दर्जन मामले दर्ज हैं.
उस पर डकैती, लूट, हत्या का प्रयास करना जैसे कई संगीन मामले दर्ज है. बताया जाता है कि कोल्हा ने मधुपुर शहर की कई जगहों पर अपने परिजनों के नाम लाखों की चल व अचल संपत्ति अर्जित कर रखी है. इस पर पुलिस की निगाह है. कहा जाता है कि डंगालपाड़ा निवासी कोल्हा यादव को पुलिस का कोई भी अधिकारी या जवान नहीं पहचानता था.
कुछ गिने-चुने लोग ही उसे पहचानते थे. थाना में उसका कोई स्पष्ट फोटो भी नहीं था. इसके कारण वह वर्षों तक पुलिस को चकमा देता रहा. यही कारण रहा कि 2003 के बाद से वह कभी गिरफ्तार नहीं हुआ था. सिर्फ एक बार 2009 में अदालत में आत्म समर्पण किया था. कोल्हा को गिरफ्तार करने में इस बार पुलिस को काफी परेशानी हुई. पुलिस के गुप्तचर पिछले एक सप्ताह से उस पर नजर रखे हुए थे. उसने मुख्य रूप से गिरिडीह व चितरंजन में अपना ठिकाना बना रखा था. एसडीपीओ अशोक कुमार सिंह खुद उस पर नजर रखे हुए थे. जिस कारण मधुपुर पहुंचने के दिन वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया. अदालत ने दोनों अपराधियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया.